बिलासपुर . तिलक नगर स्थित प्राथमिक शाला में पारंपरिक
शिल्प कला का प्रशिक्षण लेने के लिए बच्चे व महिलाएं पहुंच रही हैं। इसमें नृत्य कथक, क्ले आर्ट, गोदना, म्यूरल आर्ट, जूट आर्ट, वारली, चित्रकला, मृदा आर्ट, पैरा आर्ट, रजवार भित्त चित्र जैसे पारंपरिक कलाओं में अपनपसंद की विधा का प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन कलाओं का प्रशिक्षण लेने वाले प्रतिभागियों को कलागुरु बारिकी से सिखाते हुए उनकी प्रतिभा को निखार रहे हैं। छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग के सहयोग से बिलासा कला मंच की ओर से दस दिवसीय आकार प्रशिक्षण शिविर में कला का प्रशिक्षण लेने के लिए उत्साह से बच्चे हिस्सा ले रहे हैं। सुबह व शाम दो पालियों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बिलासा कला मंच के संस्थापक डॉ. सोमनाथ यादव ने बताया कि ग्रीष्मावकाश में समय का सदुपयोग करने व अपनी पारंपरिक शिल्प कला को जान सके इस उद्देश्य से यह शिविर हर वर्ष लगाया जाता है, ताकि बच्चे अपनी संस्कृति व पारंपरिक कलाओं से जुड़ सके। शिविर में संस्कृति विभाग के कर्मचारी युगल तिवारी, जवाहर यादव, टीसी कवंर,
शनि वस्त्रकार, बिलासा कला मंच से राजेन्द्र मौर्य, अध्यक्ष डॉ. सुधाकर बिबे, देवानंद दुबे, अश्वनी पांडे, सुनील तिवारी, ओमशंकर लिबर्टी, सहदेव कैवर्त, रामचरण यादव, नरेन्द्र कौशिक, महेन्द्र गुप्ता सहित बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे।
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