scriptडोंगरगढ़ से कटघोरा के बीच 2023 तक दौडऩे लगेगी Train, प्रोजेक्ट मंजूर | Train to run between Dongargarh and Kataghora by 2023 | Patrika News
बिलासपुर

डोंगरगढ़ से कटघोरा के बीच 2023 तक दौडऩे लगेगी Train, प्रोजेक्ट मंजूर

5950.47 करोड़ की लागत से बनने वाली इस रेल लाइन को रेलवे ने साढ़े 4 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

बिलासपुरSep 27, 2018 / 05:26 pm

Amil Shrivas

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डोंगरगढ़ से कटघोरा के बीच 2023 तक दौडऩे लगेगी Train, प्रोजेक्ट मंजूर

बिलासपुर. कटघोरा से डोंगरगढ़ के बीच प्रस्तावित 295 किलोमीटर की नई ब्रॉडगेज विद्युतीयकृत सिंगल रेल लाइन को केन्द्र सरकार ने बुधवार को मंजूरी दे दी। छत्तीसगढ़ के कोरबा, बिलासपुर, मुंगेली, कबीरधाम और राजनांदगांव जिले से होकर गुजरने वाली इस रेल लाइन पर 25 स्टेशन बनाए जाएंगे। 5950.47 करोड़ की लागत से बनने वाली इस रेल लाइन को रेलवे ने साढ़े 4 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

रेलवे जोनल सभागार में प्रेस कान्फ्रेंस में एसईसीआर के जीएम सुनील सिंह सोइन ने बताया, कटघोरा से डोंगरगढ़ के बीच 294.53 किलोमीटर रेल लाइन के लिए रेलवे ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। इसके लिए 1795 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। रेलवे ने 4 जिलों में इस रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया है। एक जिले में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा, नई रेल लाइन से प्रदेश का विकास होगा। झारसुगड़ा-नागपुर सेक्शन में माल गाडिय़ों की आवाजाही होगी, बिलासपुर-चांपा तथा दुर्ग स्टेशनों के व्यस्त यार्डो से यात्रियों को छुटकारा मिलेगा। उन्होंने बताया कि रेल लाइन को राज्य संयुक्त उद्यम छत्तीसगढ़ कटघोरा, डोंगरगढ़ रेलवे लिमिटेड द्वारा लागू किया जाएगा। रेल परियोजना में रेल मंत्रालय, छत्तीसगढ़ रेल कार्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार व निजी हितधारकों की इक्विटी भागीदारी होगी।

देशभर में कोयला लदान का 3 फीसदी नई रेल लाइन से होगा : जीएम ने बताया कि कोयला खनन के लिए राजगढ़ के खुलने के साथ साथ दक्षिण पश्चिमी कोलफिल्ड लिमिटेड और अन्य खनन कंपनियां छत्तीसगढ़ में कोयला खनन 150 एमटीपीए से बढ़ाकर 250 एमटीपीए कर देंगी। नई रेल लाइन का उपयोग कोयला लदान के रूप में किया जाएगा। भारतीय रेलवे में कोयला लदान का 3 फीसदी ढुलाई नई रेल लाइन से पूरा होगा।
नागपुर से झारसुगुड़ा के बीच भीड़ होगी कम : जीएम ने बताया कि कटघोरा- डोंगरगढ़ के बीच नई रेल लाइन से नागपुर-झारसुगुड़ा रेल लाइन पर यात्रियों की भीड़ में कमी आएगी। नई रेल लाइन की शुरूआत में मेमू ट्रेन या पैसेंजर गाड़ी चलाई जाएगी। इसके बाद भविष्य में क्षेत्र की मांग के अनुसार रूट पर फास्ट ट्रेन और अन्य ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

कटघोरा से डोंगरगढ़ तक 25 स्टेशन, तखतपुर, रतनपुर और करगीरोड शामिल : जीएम सुनील सिंह ने बताया कि कटघोरा से डोंगरगढ़ रेल लाइन के बीच 25 स्टेशन होगे। रेल लाइन कटघोरा, पाली, रतनपुर, तखतपुर, करगीरोड, मुंगेली, कबीरधाम, होते हुए खैरागढ़ और डोंगरगढ़ के बीच होगी। पूर्व में बनाई गई रेल परियोजना में उसलापुर स्टेशन से तखतपुर होते हुए मुंगेली, कबीरधाम और खौरागढ़ को शामिल किया गया था। इस परियोजना में कटघोरा से रतनपुर होते हुए तखतपुर, करगीरोड को शामिल किया गया है।
नहीं के बराबर होगा जंगल क्षेत्र : जीएम ने बताया कि नई रेल लाइन के निर्माण के डीपीआर को गहन विश्लेषण कर बनाया गया है। इसमें प्रदेश के जंगल क्षेत्र को ध्यान में रखकर रेल मार्ग का चयन किया गया है। मुख्य रूप से करगीरोड और आसपास के क्षेत्र के नाम मात्र के जंगल रेल लाइन की परिधि में आएंगे।
हाथियों के क्षेत्र में देंगे विशेष ध्यान : कटघोरा व पाली के जंगल में हाथियों की संख्या अधिक होने और उन्हें सुरक्षित रखने के सवाल पर जीएम सोइन ने कहा कि रेल लाइन निर्माण के दौरान वन विभाग से चर्चा की जाएगी। वन विभाग और रेलवे के संयुक्त प्रयास से हाथियों को सुरक्षित रखते हुए रेल परिवहन की व्यवस्था की जाएगी।

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