ग्राम बसिया निवासी राजेश्वर यादव ने ग्राम लिमतरी में छोटेलाल कौशिक से वर्ष 2017 में अलग-अलग रकबे में 2.77 एकड़ खेती की जमीन खरीदी थी। इस भूमि पर वह पिछले तीन वर्ष से खेती करते आ रहा है। इस वर्ष राजेश्वर यादव ने उक्त खेती में महामाया धान की बोआई किया है।
लेकिन लिमतरी गांव के जमीन बेचने वाले छोटेलाल पिता कृपाराम कौशिक ने उसकी खेती के 1.52 एकड़ फसल को हरदीकला निवासी फूलबाई टंडन के साथ दस अन्य मजदूरों के साथ कटाई करके धान घर ले गया। इसकी जानकारी मिलने पर राजेश्वर यादव मना किया तो छोटेलाल कौशिक व महिला ने उल्टे गालीगलौज किया। एट्रोसिटी एक्ट में फंसाने की धमकी।
इसकी एफआईआर दर्ज कराने राजेश्वर यादव सिरगिट्टी थाने गया। वहां पर खेती की जमीन के सभी दस्तावेज और न्यायालय से मिले स्थगन आदेश की प्रतियां दी । इसके बावजूद थाने से जिसकी जमीन है,उसके एफआईआर दर्ज करना तो दूर थाने से भगा दिया गया। इसकी शिकायत उसने कलेक्टोरेट एवं पुलिस अधीक्षक से की है।
दो न्यायालय से स्थगन
जमीन का विक्रय करने के बाद भी छोटेलाल कौशिक ने खसरा नंबर 1684/3 रकबा 0.78 एकड़ एवं खसरा नंबर 1683/2 रकबा 0.74 एकड़ की जमीन पर अपना दावा कर रहा है। इस मामले में संभागायुक्त न्यायालय से 15 जुलाई 2020 को राजेश्वर यादव को स्थगन दिया गया।
इसके बाद राजेश्वर यादव ने प्रथम अपर जिला न्यायालय में वाद दायर किया । इस न्यायालय से भी स्थगन आदेश जारी करते हुए प्रकरण के निराकरण होने तक छोटेलाल कौशिक को स्वयं या अन्य किसी के द्वारा उक्त खसरे की जमीन पर कोई दाल नहीं देने का आदेश जारी किया गया है।