जल संसाधन विााग के हसदेव बैरा, जल प्रबंध संभाग रामपुर-कोरबा में पदस्थ मधुकर बि_ल राव कुाारे चार माह से अधिक समय से विााग में गड़बड़ी के चलते राज्य शासन ने निलंबित कर दिया था। इसी बीच उनके फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच रिपोर्ट आई।
इसमें बिलासराव को अनुसूचित जनजाति ‘हल्बाÓ के प्रमाण पत्र की जांच कराई गई। बर्खास्त कार्यपालन अभियंता का यह अजजा जाति प्रमाण फर्जी पाया गया। मप्र के जिला छिंदवाड़ा के पांढुरना के तहसीलदार से जांच कराई गई। कुाारे ने हल्बा जाति होने का जांच समिति को कोई भी साक्ष्य दस्तावेज पेश नहीं कर सका।
निलंबित अवधि में सेवा से बर्खास्त: राज्य शासन ने मधुकर को सदेव बैराज जल प्रबंध संााग जल संसाधन विााग रामपुर में कार्यपालन अभियंता के पद से गड़बड़ी करने पर निलंबित कर दिया था। इसी निलंबन अवधि के दौरान छग सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 12 द्वारा प्रदत्त शक्तियों पर राज्य शासन ने फर्जी जाति प्रमाण पर नौकरी करने पर सेवा से र्बाास्त कर दिया गया है। र्बाास्तगी का आदेश जल संसाधन विााग के अवर सचिव वृन्दावन सेन ने जारी किया है। यह आदेश मुय अाियंता कार्यालय पहुंच गया है।
अजाक संयोजक ने दिया था प्रमाण पत्र
अविााजित मप्र और छत्तीसगढ़ में जाति प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार तहसीलदार को दिया गया है। लेकिन र्बाास्त कार्यपालन अभियंता मधुकर ने 19 अगस्त 1981 को आदिम जाति एवं हरिजन कल्याण रायपुर के जिला संयोजक ने अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण बनाया था। इसी प्रमाण पत्र के सहारे कुाारे जल संसाधन विााग में नौकरी कर रहा था।