दिमाग हमेशा रहता है जवां
कई बार किसी दूसरे इंसान को उबासी लेते देख हमें भी उबासी आती है, ऎसा मिरर
न्यूरॉन्स कोशिकाओं से होता है
दिमाग शरीर का सबसे ज्यादा वसा वाला अंग है। इसमें शरीर की कुल वसा का लगभग 60 प्रतिशत होता है। जब हम जागते रहते हैं तो दिमाग 10-23 वॉट के बराबर शक्ति उत्पन्न करता है जो एक बल्ब को जलाने के लिए पर्याप्त होती है। हमारे दिमाग का 70-75 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना होता है।
मस्तिष्क का खास हिस्सा ग्रे मैटर असल में गुलाबी होता है और यह सूचनाओं के आदान-प्रदान और सहज बुद्धि के लिए जिम्मेदार होता है। ऎसे बच्चे जो पांच साल की उम्र में दो भाषाएं सीख जाते हैं, दूसरे बच्चों की तुलना में उनके दिमाग की संरचना में बदलाव आता है और जब वे वयस्क होते हैं तो उनका ग्रे मैटर ज्यादा घना होता है। रेत के एक कण के बराबर दिमाग के हिस्से में एक लाख न्यूरॉन्स और एक अरब सिनोप्सिस होते हैं और ये सभी एक-दूसरे के साथ सीधे जुड़कर बातें करते हैं।
कई बार किसी दूसरे इंसान को उबासी लेते देख हमें भी उबासी आने लगती है। ऎसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे दिमाग में कुछ कोशिकाएं ऎसी होती हैं जिन्हें मिरर न्यूरॉन्स कहा जाता है, ये नकलची कोशिकाएं भी कहलाती है। अगर ये क्षतिग्रस्त हो जाएं तो इंसान को अन्य लोगों से रिश्ते और संवाद बनाने में दिक्कत होती है।
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