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कोरोना के प्रकोप से फीका रहा ‘वैलेंटाइन डे’, फूलों की बिक्री प्रभावित

चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप ने लोगों को घरों में कैद होने पर मजबूर कर दिया है। यही वजह है कि इस बार चीन में प्यार का त्योंहार 'वैलेंटाइन डे' भी फीका नजर आया।

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जयपुर

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Vikas Gupta

Feb 14, 2020

कोरोना के प्रकोप से फीका रहा 'वैलेंटाइन डे', फूलों की बिक्री प्रभावित

Corona virus outbreak faded 'Valentine's Day'

शंघाई। चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप ने लोगों को घरों में कैद होने पर मजबूर कर दिया है। यही वजह है कि इस बार चीन में प्यार का त्योंहार 'वैलेंटाइन डे' भी फीका नजर आया। चीन में इस बार 'वैलेंटाइन डे' पर फूलों की बिक्री पिछले वर्षों के मुकाबले काफी कम हुई है।

ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वैलेंटाइन डे की पूर्व संध्या पर शंघाई शहर में एक फूल विक्रेता ली यूकांग को किसी भी ग्राहक की उम्मीद नहीं रही, क्योंकि नोवेल कोरोनावायरस के प्रकोप के बीच उनकी दुकान बंद पड़ी रही। पूर्वी चीन के जिआंगसु प्रांत के 36 वर्षीय दुकानदार ने गुरुवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि हम 12 साल से फूल बेचने का काम कर रहे हैं। मेरी पत्नी और मैंने कभी वैलेंटाइन डे नहीं मनाया, क्योंकि हमारे लिए आमतौर पर यह साल का सबसे व्यस्त दिन होता है। हमें पूरी रात फूलों को व्यवस्थित करना और इनकी पैकेजिंग करनी होती है।

पिछले वर्षों वैलेंटाइन सप्ताह के दौरान फूलों की इतनी मांग होती थी कि कर्मचारियों को रातभर काम पर लगे रहना होता था। मगर इस साल ली के कर्मचारियों ने काम शुरू ही नहीं किया है। वायरस से प्रभावित क्षेत्रों में से कुछ कर्मचारी अभी भी अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं। लिहाजा ली और उनकी पत्नी को ही वैलेंटाइन डे यानी शुक्रवार को वितरित किए जाने वाले फूलों व गुलदस्तों को पैक करने का काम करना पड़ा।

वायरस के प्रकोप ने उनके स्व-संचालित व्यवसाय को भारी नुकसान पहुंचाया है, क्योंकि इनकी दुकान पर जितनी बिक्री सामान्य तौर पर होती थी, अब उसकी महज 10 फीसदी बिक्री ही हो पा रही है। ली ने कहा कि इस साल हमें लगभग 50 ऑर्डर मिले, जोकि सभी ऑनलाइन ऑर्डर हैं। पिछले सालों में हमारे पास 500 ऑर्डर आए थे। उन्होंने पूछा कि हर कोई घर पर रहना चाहता है। अगर कोई अपने साथी को घर पर ही सीमित रखता है तो कोई फूल क्यों खरीदेगा? अगर यह वैलेंटाइन डे किसी अन्य वर्ष की तरह ही होता तो ली पड़ोस की दुकानों पर भी फूलों के भंडारण का इंतजाम करते और अपने घर में भी फूल भर कर रखे होते। मगर इस साल उन्होंने थोक बाजार से बहुत अधिक खरीद नहीं की, क्योंकि उन्हें पहले से ही आशंका थी कि इस बार अधिक फूल नहीं बिकेंगे।