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मूंगफली, चॉकलेट व अंकुरित अनाज अवसाद से दूर रखने में मदद करते

किसी घटना या बात को लेकर अक्सर व्यक्ति निराश हो जाता है। ऐसे में नकारात्मकता उसे तनाव की ओर धकेलने लगती है। लंबे समय तक दिमाग में इस तरह की उथल-पुथल एक समय बाद अवसाद का कारण बनती है। चिकित्सक के परामर्श से इलाज लेना जरूरी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस परिस्थिति के अलावा हमारा खानपान भी सीधे तौर पर अवसाद का कारण बन सकता है। जानें खानपान कैसे दिमाग के केमिकल को गड़बड़ा सकता है।

Nov 22, 2019 / 02:02 pm

Divya Sharma

मूंगफली, चॉकलेट व अंकुरित अनाज अवसाद से दूर रखने में मदद करते

मूंगफली, चॉकलेट व अंकुरित अनाज अवसाद से दूर रखने में मदद करते

55 से नीचे के स्तर वाले ग्लाइसिमिक इंडेक्स फूड खाने से अवसाद में कमी आती है। अधिक स्तर वाले फूड न खाएं।
70 फीसदी मरीजों में जब दवाओं से डिप्रेशन में सुधार नहीं दिखता है तो डाइट थैरेपी अपनाते हैं।
02 बार से ज्यादा चाय या कॉफी नहीं पीनी चाहिए दिनभर में।
फास्ट फूड, जंकफूड और अधिक तला भना भोजन खाने से ज्यादातर विशेषज्ञ मना करते हैं। ये शरीर को फायदे करने से ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे दिमाग को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। इसके अलावा पाचनतंत्र भी सही तरीके से इनका अवशोषण नहीं कर पाता। खराब पाचन का असर दिमाग की कार्यप्रणाली पर भी आता है। यह भी अवसाद का कारण बनता है।
केमिकल से चलता दिमाग
दिमाग का अहम केमिकल सिरेटोनिन, व्यक्ति के मूड और नींद को नियंत्रित करता है। इस केमिकल के स्तर में उतार चढ़ाव होने पर व्यक्ति का मूड अच्छा या तो खराब होना निर्भर करता है। सिरेटोनिन न्यूरोट्रांसमीटर को बनाने का काम करता है एल-ट्रिप्टोफन अमीनो एसिड। व्यक्ति के स्वभाव, व्यवहार और मूड को सही रखने के लिए इस अमीनो एसिड की पूर्ति खानपान से होना जरूरी है। इसलिए कह सकते हैं कि खानपान का सीधा संबंध तनाव या अवसाद से है। प्रचुर मात्रा में मूंगफली, पनीर, सोयाबीन और चॉकलेट खाने से इस एसिड के स्तर को बढ़ाया व बरकरार रखा जा सकता है। इससे सिरेटोनिन का स्तर भी सही रहता है और दिमाग में हैप्पी हार्मोन्स (डोपामाइन व एंडॉर्फिन) रिलीज होने लगते हैं।
गौर करें…
मन बार-बार खराब होने के साथ निराशा की भावना, घबराहट, बेचैनी, रुटीन के काम करने और डाइट लेने का मन न हो तो विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए। इसके अलावा रिश्तेदारों और सहकर्मियों को यदि लगे कि व्यक्ति परेशान है तो उसे मनोरोग विशेषज्ञ से परामर्श लेने की सलाह दें। लक्षणों और कई केमिकल लेवल चेक करने के बाद इलाज तय करते हैं।
डाइट में करें सुधार
बढ़ता केमिकल लेवल : मूंगफली, चॉकलेट, सोयाबीन, बीन्स, अंकुरित अनाज, ओट्स, केला, हरी पत्तेदार सब्जियां खाने के अलावा पर्याप्त मात्रा में पानी व अन्य लिक्विड डाइट लेने से सिरेटोनिन लेवल में सुधार होता है जो अवसाद को कम करता है।
एंटीऑक्सीडेंट फूड : डिप्रेशन में कमी के लिए एंटीऑक्सीडेंट व ऑक्सीडेंट युक्त चीजें जिसमें प्रमुख रूप से विटामिन-ए (हरी पत्तेदार सब्जियां, लाल व पीले रंग के फल व सब्जी), सी (मौसमी, संतरा, नींबू, टमाटर, आंवला) व ई (सूखे मेवे जैसे अखरोट, बादाम, सूरजमुखी व तरबूज आदि के बीज) हो, खाने चाहिए।
करें परहेज : अवसाद में व्यक्ति को मीठा खाने की इच्छा होती है जो वजन बढऩे का कारण बनता है। ऐसे में चावल, चीनी, मैदा और मिठाई के अलावा चाय व कॉफी कम लें। ब्लैक टी, कॉफी और शराब से दूरी बनाएं।
एक्सपर्ट : डॉ. जी. डी. कूलवाल, सीनियर प्रोफेसर, मनोरोग विशेषज्ञ, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज, जोधपुर
एक्सपर्ट : मेधावी गौतम, डाइटीशियन, जयपुर

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