इंसुलिन एक प्रकार का हार्मोन होता है। इसमें प्रोटीन और पानी होता है। इसलिए इसको 13 से 26 सेंटीग्रेट (36 से 80 फेरनहाइट) के बीच रखने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर इसेे रेफ्रिजरेटर में रखने को कहते हैं। अगर इससे अधिक गर्मी होती है तो इंसुलिन में मौजूद प्रोटीन नष्ट हो जाता है। इंसुलिन बेअसर हो जाती है। सही समय पर इंसुलिन लेने पर भी शुगर लेवल कम नहीं होगा। जिनकेे पास रेफ्रिजरेटर नहीं है वे पानी के घड़े के पास रख सकते हैं ताकि इस गर्मी में तापमान सही रख सकें। ध्यान रहे कि इसको बर्फ या फ्रिजर में नहीं रखा जाता है। इससे भी इसकी क्षमता नष्ट हो जाती है। हर जगह रेफ्रिजरेट की सुविधा संभव नहीं है। खासकर जब आप गर्मी में यात्रा कर रहे हों। ऐसे में बाजार में मिलने वाला कूल पैड लेकर इंसुलिन रख सकते हैं।
इंसुलिन और वजन बढ़ना
वजन बढ़ना इंसुलिन लेने का दुष्प्रभाव है। इंसुलिन लेने के बाद शुगर लेवल कंट्रोल होता है तो खाने के साथ जो शर्करा शरीर में पहुंचता है वह स्टोर होने लगता है। इसलिए वजन बढऩे लगता है। ऐसे में डॉक्टर हर इंसुलिन लेने वाले को रोजाना 45 मिनट व्यायाम करने की सलाह देता है ताकि वजन नियंत्रित रहे। वजन बढ़ने से शुगर लेवल प्रभावित होगा। इंसुलिन की मात्रा बढ़ानी पड़ेगा। हार्ट डिजीज और हड्डियों की समस्या बढ़ सकती है।
ऐसे इस्तेमाल करें इंसुलिन
इंसुलिन इस्तेमाल करने से पहले अच्छे से हिला लें ताकि पानी और प्रोटीन अच्छे से मिल जाएं और ज्यादा असरदार हो। अगर सुई का इस्तेमाल करते हैं तो तीन बार से अधिक न करें या फिर जब भी दर्द हो सुई बदल दें। इंसुलिन हमेशा समय से ही लें। समय से लेने पर अधिक कारगर होती है । इंसुलिन लेने के बाद व्रत-उपवास या खाली पेट रहने शुगर लेवल कम होने से परेशानी हो सकती है