
Is China to blame for the covid-19 epidemic ?
बीजिंग। क्या कोविड-19 महामारी अपरिहार्य थी? इस वायरस से रोज हजारों मरीजों की जान जा रही है, इस तरह कई लोग यह सवाल सोच रहे हैं। यह सोच अपरिहार्य है, जिससे कि इस प्रकार की सार्वजनिक आपात स्थिति के मुकाबले के लिए हम तैयारी कर सकें। लेकिन अफसोस की बात है कि जब भी कोई आपदा आती है, तो हम किसी को जवाबदेह ठहराना चाहते हैं। लेकिन इस बार, ऐसा लगता है कि अमेरिका गलत हो गया है। क्या चीन कोविड-19 महामारी के लिए दोषी है?
कोविड-19 के कारण अमेरिका सबसे कठिन देशों में से एक है। यह व्हाइट हाउस की देर प्रतिक्रिया की वजह से हुआ, जबकि बाहर से चेतावनी के संकेत थे। दिसंबर के अंत में, मध्य चीन के हुपेई प्रांत की राजधानी वुहान में पहली बार अज्ञात कारण के निमोनिया के मामलों का पता चला था। 2 जनवरी को लॉकडाउन से तीन हफ्ते पहले, चीन ने वायरस पहचान कार्य शुरू किया। अगले दिन से, चीन ने डब्ल्यूएचओ को सूचित करना शुरू कर दिया और नए वायरस के बारे में नियमित रूप से अमेरिका के साथ सूचना का आदान-प्रदान किया।
उस दिन से ही ट्रम्प के दैनिक संक्षिप्त में नए वायरस के संभावित खतरे को शामिल किया जाने लगा। जनवरी के बाद से, जैसा कि चीन वायरस के प्रसार पर नजर रखने और परीक्षण किट विकसित करने में व्यस्त था, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी चेतावनी दी थी। यह उसी समय था जब सांसद रिचर्ड बर्र ने 17.2 लाख अमेरिकी डॉलर के शेयरों को बेच दिया था।
21 जनवरी को, अमेरिकी भूमि पर पहले कोरोनावायरस मामले की पुष्टि की गई थी। 23 जनवरी को, 1.1 करोड़ जनसंख्या वाला शहर वुहान लॉकडाउन किया गया, तभी से नए वायरस के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी लड़ाई शुरू हुई। मत भूलिए, तब भी, कुछ पश्चिमी मीडिया आउटलेट अभी भी चीन के तरीके पर सवाल उठा रहे थे।
चीनी वसंतोत्सव के बाद पश्चिमी देशों को नए कोरोनावायरस के प्रभाव और वुहान में लॉकडाउन का पता चल गया। उन्हें इस सवाल की गंभीरता मालूम हुआ, लेकिन कोई अच्छी तैयारी नहीं की। वे महामारी की स्थिति जानते थे। चीन ने इसे कवर नहीं किया। वास्तव में चीन ने नए कोरोनावायरस के जीनोम पहचानने के बाद शीघ्र ही विभिन्न देशों को सार्वजनिक किया।
जनवरी के अंत में, अमेरिका ने अपने पहले व्यक्ति-से-व्यक्ति संचरण मामले की सूचना दी। अगले दिन, इसने चीन के यात्रियों के लिए अपनी सीमाएं बंद कर दीं। मार्च के मध्य तक, व्हाइट हाउस ने इसे और अधिक गंभीरता से लेना शुरू किया और राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की। नागरिकों को चेतावनी दी गई और स्कूलों को बंद कर दिया गया, लेकिन प्रशासन द्वारा इस तरह की देरी की वजह से महामारी का प्रकोप बढ़ा ।
Published on:
23 Apr 2020 11:25 pm
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