
jaundice causes symptoms and treatment
पीलिया साधारण बीमारी है लेकिन इसका समय पर इलाज न होने से गंभीर रूप ले लेती है। इसके होने पर त्वचा और आंखों का रंग पीला पड़ने लगता है। इस रोग के होने पर पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। खून की कमी के साथ कमजोरी और शरीर का पीला पड़ जाना इस रोग के प्रमुख लक्षण है। इससे बचने के लिए ये सावधानियां रखना बेहद जरूरी है -
पीलिया क्या है, इसकी जांच कैसे करें ?
रक्त में बिलुरुबिन की अत्यधिक मात्रा होने के कारण पीलिया होता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। लाल रक्त कोशिकाओं के मृत होने के बाद नई कोशिकाएं बनती हैं। मृत कोशिकाओं को यकृत छान नहीं पाता है तो रक्त में बिलुरुबिन का स्तर बढ़ने लगता है। ये आसपास के ऊतकों में चला जाता है। मरीज की यूरिन व आंखों और शरीर का पीला पड़ने लगता है। रक्त जांच कर बिलुरुबिन की मात्रा से पीलिया का पता लगाया जाता है। लक्षण दिखने पर डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
पीलिया के इलाज के साथ क्या सावधानियां बरतें?
अधिक थकान, भूख नहीं लगती, उल्टियां, बुखार और पेट दर्द रहने पर संबंधित चिकित्सक से परामर्श लें। जरूरी जांच करवाकर इलाज कराएं। खानपान में परहेज न करें। वह सबकुछ खा सकते हैं जो पहले से आप खाते रहे हैं। हाइ कैलोरी फूड लें। साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें। बाजार से लिया गया गन्ने का जूस न ही पीएं तो अच्छा है।
कच्चा दूध न पीएं-
सलाद अच्छी तरह से धोकर छीलें। बहुत देर से कटा हुआ सलाद नहीं खाएं। अधपकी सब्जियां न खाएं। कच्चा दूध न पीएं। खासकर बच्चों को जो कि जंकफूड, डिब्बाबंद चीजें ज्यादा पसंद होती हैं, उन्हें न दें। डिब्बाबंद चीजों को खोलने के बाद तय समय के अंदर ही खा लें। इससे पीलिया के अलावा लिवर संबंधी अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं।
Published on:
11 Nov 2019 02:21 pm
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