5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जानें पानी पीने से जुड़े भ्रम और सच्चाई

पानी पीने से जुड़े भ्रम भी लोगों के जेहन में हैं। जिनकी सच्चाई जानना जरूरी है-

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Vikas Gupta

Sep 02, 2019

जानें पानी पीने से जुड़े भ्रम और सच्चाई

पानी पीने से जुड़े भ्रम भी लोगों के जेहन में हैं। जिनकी सच्चाई जानना जरूरी है-

किसी भी प्रकार के रोग से बचने के लिए अक्सर विशेषज्ञ खूब पानी पीने की सलाह देते हैं। साथ ही किसी फिट सेलेब्रिटी या स्पोट्र्सपर्सन के फिटनेस की बात करते हैं तो भी यही सामने आता है कि वे पानी ज्यादा पीते हैं। पानी पीने से जुड़े भ्रम भी लोगों के जेहन में हैं। जिनकी सच्चाई जानना जरूरी है-

मिथ : शरीर से बाहर होते हैं विषैले तत्त्व
सच : मेटाबॉलिज्म यूरिया का निर्माण करता है जो यूरिन के रूप में शरीर से बाहर निकलता है। अधिक पानी पीने से यूरिन बनने की प्रक्रिया गड़बड़ाती है। इससे जरूरी तत्त्व भी यूरिन में मिलकर बाहर निकल जाते हैं। यह स्थिति धीरे-धीरे इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस की बनती है। जो हाई बीपी का कारण बनती है।

मिथ : यूरिन इंफेक्शन से बचाता है।
सच : यूरिनरी ट्रैक्ट में कोई इंफेक्शन या रुकावट से यूटीआई की शिकायत हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति को लगता है कि पानी ज्यादा पीने से बैक्टीरिया यूरिन के जरिए बाहर निकल जाएंगे। ऐसा करने से कुछ हद तक आराम तो मिलता है। लेकिन यह सही उपचार नहीं है। ऐसे में जब भी यूरिन करते समय जलन, पेट के निचले भाग में दर्द या भारीपन महसूस हो तो यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें।

मिथ : हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रहता है।
सच : जरूरत से ज्यादा पानी पीने से हृदय व रक्तनलिकाओं पर भी प्रेशर बढ़ता है। जो ब्लड प्रेशर बढ़ाने की एक वजह है। इससे व्यक्ति को थकान व बेचैनी जैसी समस्याएं होती हैं। साथ ही वाटर रिटेंशन (मांसपेशी, रक्त, पैर, हाथ, किडनी जैसे अंग, चेहरा व हड्डियां आदि में सामान्य से ज्यादा पानी भरना) के कारण बिना दर्द वाली सूजन भी आ जाती है।

मिथ : ज्यादा पानी पाचनतंत्र को सुधारता है।
सच : पाचनतंत्र की गड़बड़ी से कब्ज, दस्त, उल्टी या पेट में दर्द व बेचैनी होती है। ऐसे में लोग जरूरत से ज्यादा पानी पीकर पेट में गए भोजन को पचाने में लगे रहते हैं। लेकिन यह दिक्कत मेटाबॉलिज्म के धीमे-तेज होने की है। धीमा होने पर पाचन में मददगार एंजाइम्स नहीं बन पाते हैं जिससे खाना नहीं पचता। यह समस्या बार-बार हो तो गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट से मिलें।

इतनी मात्रा व ऐसे पीएं पानी -
सुबह के समय खाली पेट एक गिलास गुनगुना पानी पीएं। दोपहर के खाने के बाद प्रत्येक घंटे के बाद एक-एक घूंट पानी पी सकते हैं। ऐसा रात को सोने से पहले तक करें। पानी पीने का सही तरीका है पीने के 5-10 सैकंड तक पानी को मुंह में रखें और फिर निगलें। एक समय में पेट भरकर या जल्दबाजी में नहीं बल्कि थोड़ा पानी घूंट-घूंट करके पीएं।