scriptगाढ़ी नींद के नहीं, बल्कि बीमारी के लक्षण हो सकते हैं तेज….. | Loud snoring is indication of diseases | Patrika News
बॉडी एंड सॉल

गाढ़ी नींद के नहीं, बल्कि बीमारी के लक्षण हो सकते हैं तेज…..

ज्यादा खर्राटे (snoring) जहां एक ओर व्यक्ति को असामाजिक बनाते हैं, वहीं कई बार इसकी वजह से जीवन साथी से तकरार भी हो जाती है, लेकिन असल में इसके पीछे कई शारीरिक दोष छिपे हो सकते हैं। आइए जानें खर्राटों का गणित-

जयपुरMar 23, 2021 / 07:57 pm

जमील खान

Snore

Snore

ज्यादा खर्राटे (snoring) जहां एक ओर व्यक्ति को असामाजिक बनाते हैं, वहीं कई बार इसकी वजह से जीवन साथी से तकरार भी हो जाती है, लेकिन असल में इसके पीछे कई शारीरिक दोष छिपे हो सकते हैं। आइए जानें खर्राटों का गणित-

कब आते हैं खर्राटे
खर्राटे के लिए श्वास में रुकावट मुख्य कारण है। श्वसन तंत्र के ऊपरी भाग फेरिंक्स की मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं, जिससे श्वास अंदर लेने की प्रक्रिया (इंसपीरेशन) की ध्वनि उत्पन्न होती है। इस दौरान अचानक आने वाला तेज खर्राटा इस बात का संकेत होता है कि रुकी हुई श्वास पुन: आरंभ हो गई है। रात्रि में श्वास रुकावट के कई कारण हो सकते हैं। इनमें प्रमुख हैं – अधिक तीव्र खर्राटे, निद्रा का बार-बार टूटना, अनिद्रा, बिस्तर गीला करना, दिन में उनींदापन, पर्याप्त नींद के बावजूद स्वयं को तरोताजा महसूस नहीं करना, सिरदर्द, चुस्ती-फुर्ती में गिरावट आदि।

शारीरिक और मानसिक बदलाव
खर्राटे प्राय: मध्यम आयु (45 से 55 वर्ष) वर्ग में आते हैं। खर्राटे बहुत तेज और नियमित अंतराल पर आते हैं, ऐसे में साथ सोने वालों को खर्राटे लेने वाले व्यक्ति के हाथ-पैरों में कुछ हरकत सी नजर आती है। ऐसे व्यक्तियों में शारीरिक और मानसिक रूप से कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। इनमें डिप्रेशन (depression), निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होना, याददाश्त कम होना, किसी कार्य या बात विशेष पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता का घटना जैसे लक्षण उजागर होते हैं। इसी प्रकार रात में नींद नहीं आने से दिन में उनींदापन, सिरदर्द, थकावट, वजन बढ़ना, कार्य में अरुचि जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं।

बीमारियों-दवाइयों से भी आते हैं खर्राटे
खर्राटे आने में कुछ अन्य बीमारियों की मौजूदगी भी उत्तरदायी हैं जैसे थायराइड ग्रंथि का कम काम करना, मिर्गी के दौरे, डिप्रेशन, नारकोलेप्सी आदि। कुछ औषधियों का सेवन भी खर्राटो की स्थिति के लिए उत्तरदायी हो सकता है। इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इनमें विशेष रूप से मिर्गी निवारक दवाइयां व टेस्टोस्टेरोन शामिल हैं।

ऐसे में कराएं ये टेस्ट
खर्राटों से परेशान हैं तो रक्त व हीमोग्लोबिन की जांच करवाएं। जिसमें लाल रक्त कणिकाओं की संख्या का पता चलता है जो इस स्थिति में सामान्य से अधिक हो जाती हैं। रक्त में ऑक्सीजन के स्तर का पता लगाने के लिए थायराइड (thyroid) (टी-3, टी-4, टीएसएच आदि) व पोलीसोमनोग्राफी परीक्षण कराएं।

Home / Health / Body & Soul / गाढ़ी नींद के नहीं, बल्कि बीमारी के लक्षण हो सकते हैं तेज…..

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो