Old Age Strikes Twice in a Lifetime? : जीवन के हर मोड़ पर हम समय के साथ बदलते हैं, परंतु क्या आपने सोचा है कि हमारे शरीर में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया समान गति से नहीं होती?
Old Age Strikes Twice in a Lifetime? : जीवन के हर मोड़ पर हम समय के साथ बदलते हैं, परंतु क्या आपने सोचा है कि हमारे शरीर में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया समान गति से नहीं होती? कैलिफोर्निया की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार, मानव शरीर में दो विशेष उम्रों में वृद्धावस्था (Old Age) की प्रक्रिया तेजी से बढ़ती है। यह दो चरण 44 और 60 साल की उम्र में आते हैं।
44 साल की उम्र में शरीर के कई हिस्सों में वृद्धावस्था (Old Age के लक्षण स्पष्ट होने लगते हैं। इस उम्र में त्वचा में झुर्रियां, मांसपेशियों में कमजोरी, और शरीर में थकान महसूस होना सामान्य हो जाता है। प्रोफेसर माइकल स्नाइडर और उनकी टीम के अनुसार, इस समय शरीर के मॉलीक्यूल्स और माइक्रोब्स में तेजी से बदलाव होता है, जिससे शरीर की संरचना और कार्यक्षमता में कमी आती है।
60 साल की उम्र आते-आते शरीर में वृद्धावस्था (Old Age) की दूसरी लहर आ जाती है। इस समय शरीर का इम्यून सिस्टम (Immune System) कमजोर हो जाता है, और व्यक्ति को अधिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दिल और फेफड़ों की समस्याएं बढ़ जाती हैं, और शरीर की सहनशीलता में कमी आ जाती है। इस दौर में शरीर के मॉलीक्यूल्स फिर से बदलाव का सामना करते हैं, जिससे व्यक्ति और अधिक कमजोर महसूस करता है।
यह भी देखा गया कि इन दोनों उम्रों में महिलाओं और पुरुषों में शारीरिक बदलाव लगभग समान होते हैं। महिलाओं में 40वें दशक में पेरीमेनोपॉज की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जो शरीर में हार्मोनल बदलाव लाती है। दूसरी ओर, पुरुषों में भी इसी उम्र में शरीर में महत्वपूर्ण शारीरिक बदलाव देखने को मिलते हैं। 60 साल की उम्र में महिलाओं और पुरुषों दोनों में इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे वे अधिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करते हैं।
स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के इस अध्ययन में 108 लोगों के खून, मल, त्वचा, और लार के सैंपल सात साल तक हर महीने लिए गए। इन सैंपलों के विश्लेषण से पता चला कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया चरणों में होती है, और 44 तथा 60 साल की उम्र में यह प्रक्रिया विशेष रूप से तेज होती है।
वृद्धावस्था की यह दो लहरें जीवन के दो महत्वपूर्ण चरणों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन चरणों को समझकर और इनसे निपटने के तरीकों को अपनाकर हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रख सकते हैं। यह शोध हमारे लिए एक नई दृष्टि खोलता है, जिससे हम जीवन के इन महत्वपूर्ण चरणों को समझकर खुद को तैयार कर सकते हैं।