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लड़कियां मां बनने से पहले जान लें ये खास बातें

क्या आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं तो कुछ खास बातों को ध्यान में रखते हुए सेहत संबंधी उन समस्याओं को पहले से ही दूर कर लें जो प्रेग्नेंसी के बाद या उस दौरान परेशानी का कारण बन सकती हैं।

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जयपुर

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Vikas Gupta

Sep 05, 2019

लड़कियां मां बनने से पहले जान लें ये खास बातें

क्या आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं तो कुछ खास बातों को ध्यान में रखते हुए सेहत संबंधी उन समस्याओं को पहले से ही दूर कर लें जो प्रेग्नेंसी के बाद या उस दौरान परेशानी का कारण बन सकती हैं।

क्या आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं? यदि हां, तो कुछ खास बातों को ध्यान में रखते हुए सेहत संबंधी उन समस्याओं को पहले से ही दूर कर लें जो प्रेग्नेंसी के बाद या उस दौरान परेशानी का कारण बन सकती हैं। जैसे हीमोग्लोबिन का कम होना, शरीर में पोषक तत्त्वों की कमी, अनियंत्रित वजन या पहले से किसी रोग से पीड़ित हैं तो उसकी दवा नियमित लेना आदि। जानते हैं इसके बारे में विस्तार से ...

अनियंत्रित वजन -
वजन का सामान्य से कम या ज्यादा होना भविष्य में शिशु के लिए परेशानी बनता है। महिला के शरीर का बीएमआई यदि 18-24 है तो यह सामान्य की श्रेणी में आता है। लेकिन इससे ज्यादा होने पर गर्भधारण में परेशानी आती है। ऐसे में यदि गर्भधारण हो भी जाए तो प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन व प्रसव में परेशानी आती है।
एक्सपर्ट कमेंट : रेगुलर वर्कआउट व खानपान में एहतियात रखते हुए वजन कंट्रोल करें। भोजन में ज्यादा मीठा और तला-भुना न लें। भोजन में अनाज से ज्यादा फलों की मात्रा बढ़ाएं।

पहले से किसी रोग से पीड़ित हैं -
शादी से पहले या बाद में यदि महिला को कोई शारीरिक परेशानी है तो इसका पूरा इलाज लेना चाहिए। कई मामलों में कुछ रोगों (थायरॉइड, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर) के नियंत्रित न रहने से होने वाले बच्चे के शारीरिक-मानसिक विकास पर असर होने के साथ गर्भ में ही शिशु की मृत्यु की आशंका बढ़ जाती है।
एक्सपर्ट कमेंट : प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले रोग का पूरा इलाज लें। यदि स्थिति अनियंत्रित है तो सतर्क रहें। इसके लिए गर्भधारण से पहले डॉक्टरी सलाह लेकर इन रोगों के लिए दवाएं नियमित लें।

सामान्य व्यक्ति में हीमोग्लोबिन का स्तर 12 होता है। लेकिन भारत में 10 भी सामान्य की श्रेणी में आता है। इसकी कमी से महिला में एनीमिया व हाइपरटेंशन रोगों की आशंका रहती है। जिससे शिशु का वजन प्रसव के समय कम व विकास पूर्ण रूप से नहीं होता। समय पूर्व प्रसव के अलावा ब्लीडिंग की आशंका बढ़ जाती है।
एक्सपर्ट कमेंट : डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, गुड़, किशमिश, बादाम, अनार खाएं। अंकुरित अनाज भी लें।

पोषक तत्त्वों की कमी -
प्रेग्नेंसी में आयरन, फॉलिक एसिड व प्रोटीन तत्त्व अहम होते हैं। महिला के शरीर में यदि फॉलिक एसिड की कमी होती है तो शिशु की शारीरिक बनावट में खराबी हो सकती है। आयरन और प्रोटीन की कमी से एनीमिया, डिलीवरी के समय ब्लीडिंग और शिशु की हड्डियां कमजोर होने की आशंका रहती है।
एक्सपर्ट कमेंट : पोषक तत्त्वों की कमी पूरी करने के लिए भोजन में फॉलिक एसिड युक्त हरी पत्तेदार सब्जियां, बींस आदि खाएं। आयरन और प्रोटीन के लिए दालें, सोयाबीन, रसगुल्ला, अंडे आदि खाएं। इसके अलावा डॉक्टरी सलाह पर सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं।