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Long Sitting Hazards: खतरनाक है लम्बे समय तक बैठना, 9000 लाेगाें पर हुए शाेध में हुआ खुलासा

Sitting Risk: ऑफिस हो या घर एक घंटे से ज्यादा बैठे रहना आपकी सेहत खराब कर सकता है, नौ हजार लोगों पर किए गए शोध के बाद यह सामने आया कि एक घंटे से ज्यादा देर तक बैठने के बाद शरीर के मेटाबॉलिज्म में भी कमी आती है...

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Sitting Risks: What Are The side Effects Of Sitting Too Long?

Long Sitting Hazards: खतरनाक है लम्बे समय तक बैठना, 9000 लाेगाें पर हुए शाेध में हुआ खुलासाा

Long Sitting Hazards In Hindi : ऑफिस हो या घर एक घंटे से ज्यादा बैठे रहना आपकी सेहत खराब कर सकता है।एक नए शोध में खुलासा हुआ है कि यदि आप ज्यादा लंबे समय तक बैठे रहते हैं तो ऐसा करना आपके लिए धूम्रपान करने से कम खतरनाक नहीं है। नौ हजार लोगों पर किए गए शोध के बाद यह सामने आया कि एक घंटे से ज्यादा देर तक बैठने के बाद शरीर के मेटाबॉलिज्म में भी कमी आती है जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रण से बाहर हो जाता है और हृदय संबंधी व कैंसर रोगों की आशंका बढ़ जाती है।

कैंसर की संभावना 10 फीसदी तक बढ़ जाती है ( Health Hazards Of Sitting )
शोध में कहा गया है कि शारीरिक मेहनत में कमी और अनियमितताओं की वजह से हार्ट से संबंधित बीमारियों की संभावना 6 फीसदी, डायबिटीज की संभावना 7 फीसदी और स्तन कैंसर की संभावना 10 फीसदी तक बढ़ जाती है। इससे पहले भी अमेरिका के एक शोध में इस बात का भी खुलासा हुआ था कि वहां होने वाली मौतों में 3.5 करोड़ मौतों का कारण कहीं न कहीं मोटापा था।

मृत्यु का खतरा 11 फीसदी तक बढ़ जाता है ( Sitting Risks )
जर्नल सकरुलेशन के अनुसार एक शोध के मुताबिक, कार्यालय में काम करने वाले ज्यादतार युवा औसतन नौ से 10 घंटे तक बैठते हैं, जबकि वे केवल सात घंटे की ही नींद ले पाते है। इस तरह से आदत के उनकी सेहत पर घातक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। शोध से पता चला है कि बैठना नई पीढ़ी के लिए धूम्रपान से कम खतरनाक नहीं है। इसके मुताबिक हर एक घंटा ज्यादा टीवी देखने वाले लोगों में मृत्यु का खतरा 11 फीसदी तक बढ़ जाता है। शोध में इसका कारण सीधे तौर पर ज्यादा देर तक बैठने को बताया गया है।

The dangers of sitting
इस खतरे को ध्यान में रखते हुए दुनियाभर के कई संस्थानों में खड़े होकर काम करने की परंपरा अपना ली है। वहां काम करने के लिए थोड़े ऊंचे डेस्क बनाए जाते हैं और खड़े होकर काम किया जाता है। वहीं अगर किसी को दिन में पांच मीटिंग करनी हैं तो वह उनमें से दो बैठकों को वॉक मीटिंग या हाईकिंग मीटिंग की शक्ल देते हैं। मतलब यह कि ये दो बैठकें बैठकर करने की बजाय चलते हुए की जाती हैं।