
situation is not clear when Corona reaches its peak in June-July
नई दिल्ली । देश में कोविड-19 महामारी के चरम पर होने के संबंध में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया द्वारा की गई भविष्यवाणी पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सहमत होते नहीं दिख रहे हैं। हर्षवर्धन ने गुरुवार को बीमारी के भविष्य के परिदृश्य के बारे में कहा कि इस संबंध में फिलहाल कोई भी धारणा बनाना मुश्किल है।
स्वास्थ्य मंत्री ने आईएएनएस के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि विभिन्न मान्यताओं और वायरस के बारे में कम जानकारी के आधार पर विषम गणितीय मॉडलिंग को देखते हुए बीमारी के भविष्य के परिदृश्य के बारे में सटीक भविष्यवाणी करना बेहद मुश्किल है।
एम्स के निदेशक गुलेरिया का कहना है कि अगले दो महीनों में स्थिति और बिगड़ सकती है, जबकि डॉ. हर्षवर्धन ने स्थिति को स्थिर बताते हुए स्पष्ट किया, "अभी कोई अप्रत्याशित वृद्धि नहीं देखी गई है।"
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि कोविड-19 एक नई बीमारी है और इस वायरस का स्वभाव और प्रकोप अभी भी अज्ञात है। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक जीन अनुक्रमण की मदद से इसका अध्ययन कर रहे हैं। मंत्री ने कहा, "वायरस और बीमारी के बारे में अधिक डेटा फिलहाल उपलब्ध नहीं है।"
उन्होंने कहा, "जहां तक बीमारी के प्रसार को लेकर भविष्यवाणियों का मुद्दा है, मैं आपको बता दूं कि मैं एक गणितीय भविष्यवाणी मॉडल या अन्य के बारे में सुनता रहता हूं। बहुत सारे ऐसे मॉडल हैं, जो काफी भविष्यवाणियां करते हैं। हालांकि इन्हें ट्रैक करना या उन्हें सही ठहराना मुश्किल है।"
एम्स निदेशक डॉ. गुलेरिया ने सात मई को कहा था, "राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों विशेषज्ञ डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं। उनमें से अधिकांश ने अनुमान लगाया है कि भारत में जून या जुलाई में स्थिति अपने चरम पर होगी।"
Published on:
28 May 2020 11:26 pm
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