शरीर की संरचना ऐसी है कि व्यक्ति जीवन को संतुलित रखे तो सौ साल तक जिंदा रह सकता है। जरूरी है कि व्यक्ति शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत रहे। जीवनशैली और इंद्रियों में संतुलन बना रहेगा तो शरीर की सभी मांसपेशियां बेहतर तरीके से काम करेंगी।
8 घंटे की नींद लेकर मानसिक रूप से स्वस्थ रहें। घर के बड़े बुजुर्गों के साथ समय बिताएं। 18 वर्ष से अधिक उम्र की लड़कियां एनीमिया से बचाव के लिए खाने में पौष्टिक आहार लें। नियमित व्यायाम से रक्तसंचार बेहतर होगा जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
अभ्यंग: शरीर की तिल-नारायण तेल से मालिश कर 20 मिनट व्यायाम करें। इससे त्वचा चमकदार होती है।
अर्धकटी चक्रासन: लंबे समय एक ही जगह बैठे रहने वाले दिन में 10 मिनट इसे करें, वजन नियंत्रित होगा।
गरुण-शशांकासन: मानसिक-शारीरिक संतुलन बनेगा।
नस्य: 2-3 बूंद तिल का तेल नाक में डालें। इस नासिका क्रिया से दूषित कण नाक के रास्ते अंदर नहीं जाएंगे। एलर्जी से बचाव होगा।
पोषक तत्त्वों की कमी न हो इसलिए भोजन में दाल, हरी सब्जियां, मौसमी फल और मेवे खाएं। अधिक कमी है तो डॉक्टरी सलाह से आयरन, कैल्शियम व मल्टी विटामिन्स सप्लीमेंट ले सकते हैं। किसी रोग की फैमिली हिस्ट्री है तो नियमित जांच कराएं। लिक्विड डाइट (फल-सब्जी का जूस, छाछ, दूध आदि) लें।