
The pulse of the body is removed by doing singh pranayama
प्राणायाम का अर्थ प्राणों को 'नमन' करना है। हमारे शरीर के प्राणमय कोष में चक्र और नाडिय़ां होती हैं जो प्राण प्रणाली को संचालित करती हैं। यदि ये चक्र और नाड़ियां शुद्ध और बिना किसी बाधा के नियमित काम करें तो सांस संबंधी दिक्कतों से बचाव हो सकता है। इसमें सिंह प्राणायाम कारगर है जो नाडिय़ों को शुद्ध करके प्राणों को संतुलित रखेगा।
योग पावर -
ऐसे करें : वज्रासन की मुद्रा में थोड़ा आगे की ओर झुककर बैठें। हाथ घुटनों पर रखते हुए दोनों भौंहों के बीच आंखों को केंद्रित करें। इस दौरान क्षमतानुसार जीभ को बाहर निकालें व आंखें खुली रखें। अब पेट अंदर सिकोड़कर जल्दी-जल्दी सांस लें व छोड़ें। इसके बाद जीभ को अंदर खींच लें व आखों को बंद करें। वज्रासन में ही सांस का प्रवाह सामान्य करें। बिना किसी तनाव के 5 मिनट तक सांस पर ध्यान दें। आंखें खोलकर हथेलियों के बीच देखें।
कब-कितना: इसे दिन में लगभग 50 से सौ बार कर सकते हैं। भोजन के 2 घंटे बाद करें।
फायदा : इसके नियमित अभ्यास से गले की खराश, नाक, आंख, कान और मुंह से जुड़ी समस्या में आराम मिलता है।
ध्यान रखें -
इसमें सांस लेने व छोडऩे की गति तेज होती है इसलिए हाई बीपी के मरीज इसे न करेंं।
बुजुर्ग इसे सामान्य गति में करें।
आरामदायक कपड़ों और खुले व साफ वातावरण में इस प्राणायाम को करें। इसे योग एक्सपर्ट की देखरेख में करें।
Published on:
21 Jun 2020 11:41 pm
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