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कोरोना से सही हुए व्यक्ति के प्लाज्मा से हो रहा संक्रमित मरीज का इलाज

एक व्यक्ति ने कोरोना रोगियों के उपचार हेतु अपने खून का प्लाज्मा दान किया है। व्यक्ति स्वयं कोरोना वायरस से ग्रस्त था।

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जयपुर

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Vikas Gupta

Apr 24, 2020

कोरोना से सही हुए व्यक्ति के प्लाज्मा से हो रहा संक्रमित मरीज का इलाज

Treatment of corona infected patient with plasma

नई दिल्ली | दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अभी तक करीब 80 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। कोरोना वायरस के रोगियों के लिए जहांगीरपुरी से ही अब एक राहत की खबर आई है। यहां रहने वाले एक व्यक्ति ने कोरोना रोगियों के उपचार हेतु अपने खून का प्लाज्मा दान किया है। व्यक्ति स्वयं कोरोना वायरस से ग्रस्त था। 5 अप्रैल को स्वस्थ होने के उपरांत उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, इसके 15 दिन बाद 20 अप्रैल को उसने दिल्ली के आईएलबीएस अस्पताल में अपने खून का प्लाज्मा दान किया है। खून से मिले प्लाज्मा का इस्तेमाल एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती गंभीर रूप से बीमार कोरोना रोगियों के उपचार हेतु किया जा रहा है।

एक विशेष तकनीक से प्लाज्मा निकाला जाता है। आईएलबीएस अस्पताल में इस पूरी प्रक्रिया के दौरान तीन चरणों में रक्त से प्लाज्मा निकाला गया। यहां डॉक्टरों की एक टीम ने प्रथम चरण में 200 मिलीलीटर रक्त निकाला। इसमें से प्लाज्मा अलग करने के बाद बाकी का खून वापस पूर्व संक्रमित व्यक्ति के शरीर में चढ़ा दिया गया। यह प्रक्रिया तीन बार दोहराई गई जिससे प्रत्येक चरण में प्लाज्मा प्राप्त किया जा सका।

डॉक्टरों के मुताबिक, "कोरोनावायरस से ठीक होने वाले व्यक्ति के शरीर में एक विशेष प्रकार का एंटीबॉडी बनता है। इससे वह कोरोना को हराने में सक्षम हो पाता है। कुछ रोगियों के शरीर में एंटीबॉडीज नहीं बन पाते या फिर उनके बनने की प्रक्रिया बहुत धीमी होती है ऐसे में ठीक हो चुके रोगियों के रक्त का प्लाज्मा लेकर बीमार रोगियों को चढ़ाया जाता है जिससे वे कोरोना वायरस को हरा सके।" इस प्रक्रिया को प्लाज्मा थेरपी के अलावा एंटीबॉडी थेरपी भी कहा जाता है। किसी खास वायरस या बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी तभी बनता है, जब इंसान उससे पीड़ित होता है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा, "दिल्ली के 4 मरीजों पर इसका प्रयोग किया गया, जिसके नतीजे अच्छे आए हैं। अब केंद्र सरकार से बाकी सीरियस मरीजों को प्लाज्मा थेरपी देने के लिए इजाजत मांगी जाएगी।" केजरीवाल ने कहा, "शुरुआती रिजल्ट उत्साहवर्धक है, लेकिन इसे अभी कोरोना का इलाज न माना जाए।" आईएलबीएस अस्पताल के डॉक्टर एसके सरीन ने कहा, "कोरोना से ठीक हुए लोगों को अब देशभक्ति दिखाते हुए प्लाज्मा देना चाहिए।" डॉक्टर सरीन से सहमति जताते हुए आईएलबीएस में प्लाज्मा दान करने वाले व्यक्ति से कहा, "यह राष्ट्रभक्ति और देश बचाने का अवसर है।"