जर्नल नेचर न्यूरोसाइंस में 18 मई को प्रकाशित एक नए अध्ययन में शोध के सह-लेखक और विसकॉन्सिन विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर आरोन हेलर ने कहा कि प्रतिदिन कुछ नया सीखने से हमारे मस्तिष्क में सकारात्मक भावनाओं का विकास होता है। अपनी दैनिक दिनचर्या में विविधता होने पर हम खुशी महसूस करते हैं। इसी संदर्भमें जब हम ज्यादा खुश और अधिक सकारात्मक मूड में होते हैं तो हम लॉकडाउन और सोशल डिस्टैसिंग के इस दौर में भी रचनात्मक कामों से खुद को नकारात्मक विचारों से सुरक्षित रख सकते हैं।
अध्ययन के बारे में –
अध्ययन के जरिए शोधकर्ताओं का लक्ष्य यह सीखना था कि क्या दैनिक अनुभवों की विविधता हमें अधिक सकारात्मक एवं भावनात्मक मानसिक स्थिति की ओर ले जाती है। इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए उन्होंने न्यूयॉर्क और मियामी में 3 से 4 महीने की अवधि के लिए प्रतिभागियों की जीपीएस ट्रैकिंग की। शोधकर्ताओं ने पाया कि जब लोगों की दिनचर्या में ज्यादा विविधता थी उन्होंने अधिक सकारात्मक भावनाओं जैसे ध्यान केन्द्रित करना, उत्साहित, हर्ष, सुकून और मानसिक रूपसे अधिक मजबूत महसूस किया। शोधकर्ताओं ने यह जानने के लिए कि क्या स्थान और भावनाओं में परिवर्तनशीलता के बीच यह जुड़ाव किसी तरह से इन व्यक्तियों के दिमाग की भीतरी गतिविधियों से जुड़ा होगा, उन्हें लैब में बुलाया। यहां प्रतिभागियों को एक खास एफएमआरआई स्कैन (फंक्शनल मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) से गुजरना पड़ा।यह एक विशेष प्रकार का एमआरआई स्कैन होता है जिसका उपयोग मस्तिष्क के भीतर के रक्त प्रवाह में हो रहे परिवर्तन का निरीक्षण करने के लिए किया जाता है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि कुछ खास गतिविधियों के दौरान मस्तिष्क के कौन से क्षेत्र अधिक सक्रिय हैं। शोध दल ने पाया कि जिन लोगों के पास विविध अनुभवों और सकारात्मक भावनाओं के बीच सबसे मजबूत संबंध थे उनके हिप्पोकैम्पस और स्ट्रैटम में मस्तिष्क की गतिविधि के बीच एक मजबूत संबंध था।
न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के सहायक प्रोफेसर शोध की सह-लेखक कैथरीन हार्टले पीएचडी के अध्ययन के अनुसार, हिप्पोकैम्पस मस्तिष्क का वह क्षेत्र है जो स्थानिक नेविगेशन और स्मृति गठन में शामिल है लेकिन स्थानिक वातावरण की नवीनता के लिए भी संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि स्ट्रैटम हमारे चारों ओर के पर्यावरण से सीखने में मदद करता है। हिप्पोकैम्पस और स्ट्रैटम के बीच यह संबंध महत्वपूर्ण हैं। हेलर के अनुसार मस्तिष्क के सर्किट के जुड़ाव में उस डिग्री को प्रभावित कर सकते हैं जो किसी खास वातावरण में हमें नवीन और विविध चीजों के बारे में जानने को प्रेरित करती हैं। यह बदले में अधिक अन्वेषण या नए अनुभवों की मांग को बढ़ावा दे सकता है।
शोध के निष्कर्षों को ऐसे समझें
-टहलने जाएं तो नए रास्ते चुनें, रुटीन से हटकर रोज नई-नई जगह पर वॉक करें
-उन किताबों या विषयों को पढ़े जिन्हें अभी तक आपने नहीं पढ़ा या नीरस समझकर छुआ ही नहीं
-जो कुछ भी देखें या महसूस करें उसे आज के संदर्भ से जोड़कर सोचें
-उन जगहों, आवाजों और कामोंको करें जिन्हें जटिल मानकर आप अभी तक करने से बचते आए हैं या जिनपर ज्यादा ध्यान नहीं दिया
-नई किताबें पढ़ें, नए शो देखें, नया संगीत सुनें, खुद को सीखने और नई चीजें करने के लिए चुनौती दें
-जब इन गतिविधियों में व्यस्त हों तो आपके हिप्पोकैम्पस और वेंट्रल स्ट्रैटम मजबूती से जुड़े होने चाहिए
-इन नई और जटिलता या नीरसता के कारण छोड़ी गई चीजों को करने के कारण आप अधिक प्रसन्नता महसूस करेंगे।
-कोराना महामारी की चुनौतियों का यह दौर ही सही मायनों में नई चीजों को सीखने का सबसे अच्छा समय है
-नई जगहों पर ड्राइव करें, नए रास्ते, नए ठिकाने एक्स्प्लोर करें
-शोध बताते हैं कि नए और विविध अनुभवों से हमें अधिक खुशी मिल सकती है, जैसे किसी नए स्थान पर जाना या घर पर रहना और ऐसा कोई प्रयास करना जो आपने पहले कभी नहीं किया हो।
-अपनी सामान्य दिनचर्या से बाहर निकलें, यह हमारी रचनात्मकता को बढ़ाकर मस्तिष्क की सर्किटरी को बढ़ा सकता है जो नए अनुभवों को खुशी की भावनाओं से जोड़ता है।