मरीज से जुड़ी जानकारी-
वार्ड व आईसीयू में एक डॉक्टर इंचार्ज वहां उपस्थित होता है जो कई विशेषज्ञों जैसे न्यूरोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट आदि के संपर्क में रहता है। यहां मौजूद इंचार्ज सीनियर नर्स मरीज की देखभाल के अलावा हैल्थ टीम को ट्रेनिंग भी देती है। मरीज की तबियत से लेकर किसी प्रकार की दवा, इंजेक्शन आदि बातों को जानने के लिए आप नर्स की मदद ले सकते हैं।
समझने की कोशिश करें –
परिजन के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान वैसे ही आप थोड़े असहज और परेशान रहते हैं। ऐसे में अस्पताल का स्टाफ जब भी आपसे रोगी के बारे में बात करता है तो कई बार जल्दबाजी या मेडिकल शब्दावली के प्रयोग के कारण हो सकता है कि आपको परिजन से जुड़ी जानकारी न मिल सके। ऐसे में कई लोग डॉक्टर से दोबारा पूछने से भी डरते व हिचकते हैं और सोचते हैं कि कहीं हमें नासमझ न मान लिया जाए। यह आपका हक है कि आप अपने परिजन के बारे में हर बात की जानकारी रखें। कुछ समझ न आए तो भी आप डॉक्टर से दोबारा पूछ सकते हैं। खासतौर पर दवा देने के तरीके और समय को लेकर परिजन असमंजस में रहते हैं। इसलिए इस बारे में पूछ लेना सही रहता है।
जानकार को साथ रखें –
मेडिकल बातों की जानकारी न होने से परिजनों को मरीज की स्थिति का पता भी नहीं चल पाता। कई बार व्यस्त होने के कारण विशेषज्ञ और नर्स भी बार-बार मरीज की स्थिति विस्तार से नहीं बता पाते हैं। ऐसे में आप चाहें तो ऐसे किसी दोस्त या परिजन को अस्पताल साथ लेकर जा सकते हैं जो मेडिकल बातों की थोड़ी जानकारी रखता हो। साथ ही एक बार में ही बात करने पर पूरी स्थिति समझ सके।