दिल्ली पहुंचे 60 श्रमिक…
झारखंड के रहने वाले 60 श्रमिक लद्दाख में काम की तलाश में गए थे। लॉकडाउन लगने के बाद से घर आने के लिए प्रयासरत थे। राज्य सरकार ने लद्दाख के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर इन्हें वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की गई। शुक्रवार को इन्हें सभी एहतियाती इंतजामों के साथ बस में करगिल जिले में स्थित बटालिक से लेह लाया गया। यहां से इन सभी श्रमिकों को लेकर स्पाइस जेट की फ्लाइट लेह से दिल्ली पहुंच गई है।
शाम तक पहुंचेंगे रांची, वहां से घर…
इन सभी को यहां से रांची की फ्लाइट में बैठाया जाएगा। देश शाम तक यह लोग इंडिगो की फ्लाइट से रांची पहुंच जाएंगे। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचने के बाद मजदूरों की एयरपोर्ट पर मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी। साथ ही उन्हें नाश्ता और पानी की बोतल आदि जरुरत की सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके बाद इन्हें बसों के माध्यम से गृह जिले के लिए रवाना किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह सभी प्रवासी मजदूर दुमका के रहने वाले है। राज्य सरकार के प्रोटोकाल के अनुसार इन सभी मजदूरों को 14 दिन होम क्वारेंटाइन या सरकारी क्वारेंटाइन सेंटर्स में रहना अनिवार्य है।
पहले भी पहुंची थी फ्लाइट…
इससे पहले गुरुवार को 180 मजदूरों को लेकर फ्लाइट रांची एयरपोर्ट पहुंची थी। इसके साथ ही मजदूरों को फ्लाइट से घर लाने वाला झारखंड पहला राज्य बन गया था। मुंबई से रांची पहुंचे मजदूर झारखंड के अलग अलग जिलों से थे। इनमें बोकारो के 05, धनबाद के 09, देवघर के 10, जामताड़ा के 02, गोड्डा के 01, गिरिडीह के 29, हजारीबाग के 41, कोडरमा के 11, चतरा के 05, गढ़वा के 02, पलामू के 09, पूर्वी सिहभूम के 03, पश्चिमी सिंहभूम के 08, गुमला के 01, सिमडेगा 28 और रांची जिला के 16 प्रवासी मजदूर थे।