छह लोगों पर लगा था आरोप
झज्जर के स्टेशन होम आॅफिसर ने मंसूर पटौदी सहित छह लोगों पर हिरण का शिकार करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद पुलिस ने एक मादा काला हिरण और खरगोशों के शव उनकी दो गाड़ियों से बरामद किए थे। इतना ही नहीं पुलिस ने गाड़ी से 22 बोर राइफल भी बरामद की थी। बताया गया था कि यही राइफल हिरण के शिकार में इस्तेमाल की गई थी। खास बात ये थी कि यह राइफल मंसूर पटौदी की बेटी सोहा अली के नाम पंजीकृत थी।
2009 में सोहा का लाइसेंस हुुआ रद्द
साल 2009 में गुड़गांव जिला मजिस्ट्रेट ने नियमों का उल्लघंन करने के मामले में सोहा अली खान की राइफल का लाइसेंस रद्द कर दिया था। फरीदाबाद की एक विशेष पर्यावरण अदालत ने 9 साल बाद जनवरी, 2015 में अपना फैसला सुनाया। पटौदी सहित 6 लोगोंं को हिरण शिकार मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई। साथ ही अदालत ने दोषियों पर 10,000 रुपए जुर्माना भी लगाया। बता दें कि पटौदी का निधन 2011 हो गया था। इसलिए बाद में उनका नाम आरोपियों की लिस्ट से हटा दिया गया था।