गुलशन कुमार बेचते थे फलों का जूस (Gulshan Kumar Birth Anniversary)
गुलशन कुमार का जन्म 5 मई 1951 को दिल्ली के एक पंजाबी अरोड़ा परिवार में हुआ था। सिंगर का असली नाम गुलशन दुआ था। बचपन में गुलशन कुमार के पिता दिल्ली के दरियागंज में फलों के जूस की दुकान चलाते थे। पैसा कमाने के लिए फिर सिंगर के पिता ने ठेले पर सस्ती कैसेट्स और गाने रिकॉर्ड कर बेचने शुरू किए। गुलशन कुमार की किस्मत यहीं से चमक उठी। सिंगर ने सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी बनाई जो भारत में सबसे बड़ी संगीत कंपनी बनी। उन्हें हर कोई ‘कैसेट किंग’ के नाम से जानने लगा। अब इसी कंपनी को टी-सीरीज के नाम से जाना जाता है। बॉलीवुड में जैसे-जैसे गुलशन कुमार का नाम बढ़ रहा था उनके दुश्मनों की संख्या भी बढ़ रही थी और एक दिन अचानक उनपर 16 राउंड गोलियां दागी गईं और 46 साल की उम्र में ही उनकी मौत हो गई। पीठ और गर्दन में उनको इतनी गोली मारी कि उसी समय उनकी जान चली गई। 12 अगस्त 1997 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया और इसी दिन को हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री का काला दिन कहा जाने लगा। सिंगर को मंदिर के बाहर मारा गया था। वह सुबह करीब साढे़ आठ बजे पूजा करने अंधेरी के जीतेश्वर महादेव मंदिर गए थे और वहीं सीढ़ियों से उतरते समय उनपर हमला हुआ था।