होटल में भी गाने गाया करते थे सभी जानते हैं कि उदित नारायण को साल 1988 में रिलीज हुई फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ में गाए गाने की वजह बॉलीवुड इंडस्ट्री में पहचान मिली थी। इस फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर मिलिंद चित्रगुप्त और आनंद चित्रगुप्त थे। ये बात उन दिनों की है जब उदित नारायण काफी स्ट्रगल कर रहे थे। अपना खर्चा चलाने के लिए होटल में भी गाने गाया करते थे। हालांकि राजेश रोशन ने उन्हें एक फिल्म में रफी और ऊषा मंगेशकर के साथ गाना गाने का मौका दिया था। फिर भी उनका स्ट्रगल जारी रहा।
इस गाने के बाद उदित नारायण रातों-रात बॉलीवुड इंडस्ट्री के सिंगिग स्टार बन गए थे। अगर आज भी उदित नारायण से उनका प्रिय गाना पूछा जाए तो वह इसी गाने का नाम बताते हैं।
सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगिंग फिल्मफेयर अवार्ड इस गाने के लिए उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगिंग के लिए फिल्मफेयर अवार्ड मिला। इसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा के कई बेहतरीन संगीत निर्देशकों के साथ काम किया। उन्होंने मशहूर संगीतकारों जैसे ए. आर. रहमान, आर. डी. बर्मन, जगजीत सिंह, विशाल भारद्वाज आदि के साथ काम किया। उदित नारायण ने दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान, स्वदेश जैसी कई हिट फिल्मों के लिए गाने गाए।
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