नवाज का कहना है कि अगर मैं अपने आपको स्टार मानने लगूंगा तो मुझमें घमंड आ सकता है और इससे एक आर्टिस्ट के तौर पर मेरी ग्रोथ पर फर्क पड़ सकता है। मैं कम्फर्ट जोन में फंसकर नहीं रखना चाहता। एक कलाकार के लिए यह बेहद जरूरी है कि वह अपने कम्फर्ट जोन से परे जाकर कुछ करे। मैं बहुमुखी बनना चाहता हूं।
‘मंटो’, ‘ठाकरे’ और ‘सेक्रेड गेम्स’ में एक के बाद एक गंभीर भूमिकाओं को निभाने के बाद 45 वर्षीय इस अभिनेता ने रोमांटिक-कॉमेडी में हाथ आजमाने की कोशिश की। हाल ही में वह कॉमेडी-ड्रामा ‘मोतीचूर चकनाचूर’ में नजर आए। आने वाले समय में वह ‘बोले चूड़ियां’ में नजर आएंगे।
नवाज ने ‘सरफरोश’, ‘शूल’ और ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ जैसी फिल्मों में छोटे-मोटे किरदारों से अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। खुद को साबित करने और अपने मन-मुताबिक किरदार पाने के लिए उन्हें 12 साल संघर्ष के दौर से गुजरना पड़ा। यह अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ थी, जिसने उनकी तकदीर बदलकर रख दी और तब से अब तक ‘बदलापुर’, ‘रईस’, ‘रमन राघव 2.0’, ‘ठाकरे’, ‘मंटो’ और ‘सेक्रेड गेम्स’ जैसी कई परियोजनाओं में उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया।
बात करें नवाज की आगामी फिल्म की तो जल्द वे तमन्ना भाटिया के साथ फिल्म ‘बोले चूड़ियां’ में दिखाई देंगे। इस फिल्म को नवाजुद्दीन के भाई डायरेक्ट कर रहे हैं। फिल्म में अनुराग कश्यप का भी कैमियो है।