कार्यक्रम की मुख्य अतिथि शबाना ने कहा, हालांकि स्त्री और पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं, लेकिन फिर भी अलग-अलग देखा जाए तो स्त्री को प्रकृति ने अधिक शक्तिशाली बनाया है। इसका सीधा उदाहरण है कि जहां पुरुष केवल अपने प्रोफेशनल जीवन में तरक्की करके संतुष्ट हो जाते हैं, वहीं महिलाएं अपने प्रोफेशनल दायित्वों का निर्वाह करते हुए परिवार के प्रति अपने सभी कर्तव्यों को भी लगातार निभाती रहती हैं । महिलाओं की प्राथमिकता जहां एक ओर उनकी प्रोफेशनल प्रतिबद्धता होती है वहीं उनको अपने बच्चों के सम्पूर्ण विकास और उनके कॅरियर के प्रति भी पूरी तरह से सजग और बच्चों के साथ लगातार संवाद भी करते रहना होता है ।
इस अवसर पर शिक्षाविद व एफ.एम.आर.टी प्रमुख डॉ. ज्योति राणा ने कहा, एफएमआरटी ना केवल महिला सशक्तिकरण का एक मजबूत मंच बन चुका है बल्कि नेतृत्व, रिसर्च और मोटिवेशनल कार्यशालाओं के माध्यम से आज के युवाओं, विशेषकर महिलाओं मे जागरूकता लाने के लिए प्रयासरत है ।
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इस अवसर पर मौजूद प्रमुख वक्ताओं में से एक विश्व प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना व पद्मश्री शोभना नारायण ने कहा, यह आवश्यक है कि औरों से पहले आप स्वयं के प्रति सच्चे हों। स्वयं के प्रति सच्चा होना आपको अंदर से मजबूत बनाता है और आप किसी भी क्षेत्र मे आगे बढ़ने से हिचकिचाते नहीं हैं। अपने प्रति सच्चा होना ही हमें सशक्तिकरण की ओर ले जाता है ।