साल 2014 के एक इंटरव्यू में इरफान खान ने बताया था कि वो क्रिकेटर बनना चाहते थे। उन्होंने बताया कि उनका सेलेक्शन सीके नायडू ट्रोफी के लिए भी हो गया था लेकिन पैसों की तंगी के चलते वह इसमें शामिल नहीं हो पाए। इस टूर्नामेंट के लिए उन्हें एक शहर से दूसरे शहर जाना था, जिसके लिए उन्हें 600 रुपए की जरूरत थी। मगर 600 रुपये न होने के कारण वे इस टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पाए थे।
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ड्रामा के लिए बहन ने जुटाए थे पैसेइरफान ने बताया कि वह 600 रुपयों के लिए किसी से नहीं पूछ सकते था। क्योंकि जब नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) के लिए 300 रुपयों की जरूरत थी, उसे जुटाना उनके लिए कठिन था। इसके लिए उनकी बहन ने उनके लिए पैसे जुटाए थे। इसी वजह से उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। भले हीं इरफान का क्रिकेटर बनने का सपना पूरा नहीं हो पाया, मगर उन्होंने एक्टिंग की दुनिया राज खूब नाम कमया।
पद्मश्री और लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके इरफान को इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए सालों तक संघर्ष करना पड़ा था। एक नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से आते थे, जिनका ग्लैमर वर्ल्ड से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था। उन्होंने अपने दम पर फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई, जिसके बाद पूरी दुनिया उनके टैलेंट की दीवनी हो गई। उन्होंने हिंदी सिनेमा को एक से बढ़कर एक फिल्में दी। उनकी आखिरी फिल्म ‘अग्रेंजी मीडियम’ थी, जो साल 2020 में ही आई थी।