घटना सोमवार की देर रात्रि की है। दातागंज क्षेत्र के गांव डहरपुर कलां से गेहूं के बोरे लेकर ट्रक म्याऊं के लिए जा रहा था। रास्ते में हंडौरा गांव निवासी सोनपाल के खोखे पर कांवड़िये जमा थे। ब्रेकर के पास चालक ने तेजी से ब्रेक लगा दिए। इसके चलते लदा ओवरलोड ट्रक खोखे पर पलट गया। ट्रक के नीचे खोखा मालिक, कांवड़िये और राहगीर दब गए। मौके पर शरीर से हाथ और पैर भी अलग हो गए। तीन बाइक ट्रक के नीचे आकर टूट गईं। मौके पर पुलिस पहुंची। जेसीबी और लोगों की मदद से राहत कार्य शुरू हुआ। खोखा मालिक सोनपाल की नातिन पांच वर्षीय काजल और दो वर्ष की नंदिनी पुत्री सुरेंद्र निवासी हड़ौरा की पहचान हो गई। पांच कांवड़िए बदायूं के हजरतपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं। सोनपाल, उनका भतीजा देवपाल समेत 12 लोग घायल हो गए। इनमें आधा दर्जन कांवड़िये भी हैं।
इस घटना के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। नारेबाजी करने लगे। बचाव कार्य के दौरान ही ट्रक में आग लगाने का प्रयास किया। मौके पर पहुंचे विधायक राजीव कुमार सिंह, विधायक महेश चन्द्र गुप्ता, जिलाधिकारी बदायूं दिनेश कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी ने लोगों को बड़ी मुश्किल से शांत किया।
गेहूं के बोरों के नाचे से कांवड़िये ने अपने साथियों को तलाशा। ट्रक उठाया तो देखा कि भयावह दृश्य था। कांवड़िये रो रहे थे। क्षतविक्षत लाशें देखकर सबका हृदय फटा जा रहा था। कई लाशों के हाथ-पैर अलग हो गए थे। कावड़िये पटना देवकली मंदिर से जलाभिषेक कर पैदल वापस लौट रहे थे। वे भी ट्रक के नीचे दब गए।
गांव हड़ौरा में स्पीड ब्रेकर बना हुआ है। यहां पर आकर वाहन की गति अपने आप धीमी हो जाती है। रात्रि में स्पीड ब्रेकर दिखाई नहीं दिया। इस कारण चालक ने ट्रक को ब्रेक नहीं लगाया। जैसे ही गति के साथ आ रहे ट्रक ने स्पीड ब्रेकर पर झटका खाया, चालक ने ब्रेक लगा दिए। इसके चलते ट्रक पलट गया और इतनी बड़ी दुर्घटना हो गई।