scriptईश्वर से कुछ मांगना चाहिए या नहीं, जरूर पढ़ें ये रोचक कहानी | Inspirational Motivational story of Raja king and tailor hindi news | Patrika News
बदायूं

ईश्वर से कुछ मांगना चाहिए या नहीं, जरूर पढ़ें ये रोचक कहानी

जब हम प्रभु पर सब कुछ छोड़ देते हैं तो वह अपने हिसाब से देता है, सिर्फ हम मांगने में कमी कर जाते हैं।

बदायूंOct 16, 2018 / 06:35 am

अमित शर्मा

story

story

एक बार किसी राज्य का राजा एक नगर में भ्रमण कर रहा था। राजा अक्सर गाँव-गाँव जाकर लोगों की समस्या को सुनता और उनमें सुधार की पूरी कोशिश करता। उसके कर्तव्यपरायण के चर्चे दूर देशों तक फैले हुए थे।
ऐसे ही गाँव में लोगों के बीच घूमते हुए राजा के कुर्ते का एक बटन टूट गया। राजा ने तुरन्त मंत्री को आदेश दिया कि गाँव से किसी अच्छे से दर्जी को बुलाया जाये जो मेरे कुर्ते का बटन लगा सके। तुरंत पूरे गाँव में अच्छे दर्जी की खोज शुरू हो गयी। संयोग से उस गाँव में एक ही दर्जी था जिसकी गाँव में ही एक छोटी सी दुकान थी।
दर्जी को राजा के पास लाया गया।
राजा – मेरे कुर्ते का बटन सिल सकते हो?

दर्जी – जी हुजूर, ये कौन सा मुश्किल काम है।
दर्जी ने तुरंत अपने थैले से धागा निकाला और राजा के कुर्ते का बटन लगा दिया।
राजा ने खुश होकर दर्जी से कहा – बताओ तुमको इस काम के कितने पैसे दूँ? दर्जी ने मन में सोचा और बोला – महाराज ये तो बहुत छोटा काम था, इसका मैं आपसे पैसे नहीं ले सकता। राजा ने फिर कहा – नहीं तुम माँगो तो सही, हम तुम्हें इस काम की कीमत जरूर देंगे। दर्जी ने सोचा कि बटन तो राजा के पास था ही मैंने तो बस धागा लगाया है, मैं राजा से इस काम के 2 रुपये मांग लेता हूँ। फिर से दर्जी ने मन में सोचा कि मैं राजा से अगर दो रुपये मागूंगा तो राजा सोचेगा कि इतने से काम के इतने सारे पैसे, कहीं राजा ये न सोचे की बटन लगाने के मेरे से दो रुपये ले रहा है तो गाँव वालों से कितना लेता होगा क्योंकि उस जमाने में दो रुपये की कीमत बहुत होती थी। यही सोचकर दर्जी ने कहा – महाराज आप अपनी स्वेच्छा से कुछ भी दे दें।
motivational
अब राजा को भी अपनी हैसियत के हिसाब से देना था ताकि समाज में उसका रुतबा छोटा ना हो जाए। यही सोचकर राजा ने दर्जी को दो गाँव देने का हुक्म दे दिया। अब दर्जी मन में सोच रहा था कि कहाँ मैं दो रुपये लेने की सोच रहा था और अब तो राजा ने दो गाँव का मालिक मुझे बना दिया।
दोस्तों उस दर्जी जैसी ही हालत हम इंसानों की भी है। हम रोज भगवान से कुछ ना कुछ मांगते हैं। लोग मंदिर भी जाते हैं और भगवान से मांगते हैं लेकिन आप दर्जी की तरह हैं। क्या पता ईश्वर हमको कुछ बड़ा और कुछ अच्छा देना चाहता हो लेकिन हम वो समझ ही नहीं पाते। दोस्तों गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि कर्म करो फल की इच्छा मत करो। अच्छे कर्म करो, अच्छा फल जरूर मिलेगा। जब हम प्रभु पर सब कुछ छोड़ देते हैं तो वह अपने हिसाब से देता है, सिर्फ हम मांगने में कमी कर जाते हैं।
सीख

मनुष्य को अपने कर्तव्य और निष्ठा से कार्य करना चाहिए। संत और महात्मा कहते हैं कि ईश्वर के चरणों में अपना सर्मपण कर दो, उनसे कभी कुछ न मांगों, जो वो अपने आप दे, बस उसी से संतुष्ट रहो, फिर देखो प्रभु की लीला।
प्रस्तुतिः डॉ. राधाकृष्ण दीक्षित, प्राध्यापक

motivation
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो