गोली मारने के साक्ष्य अभी नहीं मिले : सीओ
शनिवार रात एसटीएफ के सीओ ने मेरठ में मीडिया को दिए बयान में कहा है कि जीतू फौजी भीड़ का हिस्सा था, जिसके सबूत पुलिस को मिले हैं। लेकिन, उसने ही कोतवाल को गोली मारी इसके साक्ष्य अभी नहीं मिले हैं। एसआइटी इसकी जांच कर रही है।
मैं घटनास्थल पर था, पर गोली नहीं चलाई : जीतू
फौजी जीतू ने मेरठ में मीडिया से कहा कि वह घटनास्थल पर मौजूद था। इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या उसने नहीं की है। उसे तो पता भी नहीं था कि गोली चल गई है। सीओ एसटीएफ ने बताया कि आरोपित के विरुद्ध प्रमाण तलाशे जा रहे हैं।
बचाव में आया भाई
बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को गोली मारने के आरोप जीतेंद्र मलिक ऊर्फ जीतू फौजी का भाई अब उसके बचाव में सामने आ गया है। इस मामले में अब जीतू के भाई ने सवाल खड़े कर दिए हैं। जीतू के भाई का कहना है कि जीतू को जिस वीडियो में पुलिस होना बता रही है वह जीतू का नहीं है। उसने एक दूसरा वीडियो दिया है, जिसमें जीतू बवाल के समय मौजूद है, लेकिन दोनों वीडियो में समानताएं दिखाई नहीं दे रही हैं। जीतू भाई धर्मेंद्र का कहना है कि जीतू 19 नवंबर से 4 दिसंबर तक छुट्टी पर आया हुआ था। वह 3 दिसंबर को घर से निकल था। क्योंकि उसे 4 दिसंबर को रिपोर्टिंग करनी थी। उसने कहा कि बुलंदशहर पुलिस के सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उसने सेना और सीएम योगी आदित्यनाथ से निष्पक्ष जांच की मांग की। धर्मेंद्र ने ये भी कहा कि पुलिस प्रशासन मुख्य आरोपी को बचाकर मेरे भाई को फंसा रही है। बता दें कि धर्मेंद्र खुद भी एक फौजी है और फिलहाल वह पुणे में तैनात है।
बुलंदशहर हिंसा में एक और अफसर पर गिरी गाज
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित स्याना में कथित गोकशी को लेकर हुई हिंसा के मामले में योगी सरकार ने एक और पुलिस अधिकारी पर गाज गिरा दी है। इस मामले में शनिवार को बुलंदशहर के एसएसपी कृष्ण बहादुर समेत तीन आर्इपीएस अफसरों का तबादला कर दिया गया था, जबकि रविवार को एक और आईपीएस रईस अख्तर का भी तबादला कर दिया गया। बताया जाता है कि अभी सरकार के रडार पर कई और अधिकारी है। माना जा रहा है कि जल्द ही अन्य अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।
जम्मू कश्मीर गई थी पुलिस और एसटीएफ
घटना की तह तक जाने के लिए पुलिस न्यायालय से वारंट लेकर जीतू फौजी को पकडऩे के लिए जम्मू कश्मीर गई थी, लेकिन सेना ने जीतू को इनके हवाले नहीं किया था। सैन्य अधिकारी खुद उसे लेकर सोपोर से रवाना हुए और रात 12.50 पर मेरठ एसटीएफ कार्यालय पहुंचे। यहां उसे नोएडा एसटीएफ के सुपुर्द कर दिया गया। देर रात वहां से लिखापढ़ी के बाद स्याना कोतवाली पुलिस उसे लेकर बुलंदशहर आ गई।
एसआइटी ने की पूछताछ
यहां रविवार तड़के स्याना कोतवाली में आइजी मेरठ रेंज द्वारा गठित एसआइटी ने जीतू से पूछताछ की। करीब तीन-चार घंटे की पूछताछ के बाद पुलिस उसे लेकर क्षेत्र में निकल गई। माना जा रहा है कि पुलिस उसकी निशानदेही पर कोतवाल से छीनी गई लाइसेंसी पिस्टल को बरामद करने का प्रयास कर रही है।
कथित गोकशी के बाद हुआ था बवाल
महाव गांव में कथित गोवंश के अवशेष मिले थे, जिसको लेकर बवाल हो गया था। इसमें स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह गोली लगने से शहीद हो गए थे और चिंगरावठी के युवक सुमित की भी गोली लगने से मौत हो गई थी। इस प्रकरण में पुलिस ने 27 बलवाइयों को नामजद करते हुए 60 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया था। इसमें जम्मू कश्मीर में तैनात फौजी जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू को भी आरोपित बनाया गया है। शुरुआती जांच में पुलिस जीतू फौजी को कोतवाल की हत्या का आरोपित मान रही है।