10 अक्टूबर को दिया था शपथ पत्र ब्लाॅक प्रमुख मनीष भाटी के खिलाफ 10 अक्टूबर को 143 बीडीसी सदस्यों में से 96 ने डीएम बुलंदशहर (Bulandshahr DM) को शपथ पत्र देकर गंभीर आरोप लगाया था। डीएम बुलंदशहर ने शपथ पत्रों के सत्यापन के लिए 17 अक्टूबर को जिला विकास अधिकारी को नामित किया। विकास भवन में 82 बीडीसी सदस्यों के शपथ पत्रों की जांच हुई। इसके बाद गुरुवार को सिकंदराबाद में इस मामले में डीएम के आदेश पर बीडीसी सदस्यों की बैठक बुलाई गई। इसकी अध्यक्षता एसडीएम रविशंकर सिंह ने की। इसमें बीडीसी सदस्यों और ब्लॉक प्रमुख के बीच बात नहीं बन सकी। इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मतदान हुआ। बैठक में कुल 95 बीडीसी सदस्य पहुंचे थे। इसमें मनीष भाटी के पक्ष में केवल वोट पड़े हैं जबकि पुष्पेंद्र भाटी के पक्ष में 92 वोट पड़े।
ऐसे चुकाया हिसाब इसके बाद पुष्पेंद्र भाटी ने भाजपा (BJP) के ब्लाॅक प्रमुख मनीष भाटी पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि क्षेत्र के बीडीसी सदस्य व प्रधानों का शोषण हो रहा था। कोई भी क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हो पा रहा था, जिससे नाराज होकर बीडीसी सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। आपको बता दें कि पुष्पेंद्र भाटी भी ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं। वह सपा (Samajwadi Party) से जुड़े हुए हैं। अप्रैल 2019 में मनीष भाटी ने उस समय ब्लाॅक प्रमुख रहे पुष्पेन्द्र भाटी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनको हटा दिया था। मनीष भाटी ने एक वोट से जीत हासिल कर ब्लाॅक प्रमुख पद पर कब्जा किया था। अब पुष्पेंद्र भाटी ने मनीष भाटी को हटाकी ब्लॉक प्रमुख सीट वापस हासिल कर ली है।