सोशल मीडिया पर रखी थी नजर अयोध्या मामले में पुलिस सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रखे हुई थी। इसको लेकर पुलिस ने कई आपत्तिजनक पोस्टों को डिलीट कर माहौल बिगड़ने से रोक दिया था। इस मामले में बुलंदशहर की मीडिया सेल मेरठ जोन में नंबर वन पर रही। टीम में शामिल सिपाही खालिद चौधरी और मोनू कुमार को एसएसपी ने एक हजार रुपये का इनाम दिया। टीम ने मेरठ जोन की 730 आपत्तिजनक पोस्ट डिलीट की थीं। इन पोस्ट के कारण माहौल बिगड़ने की आंशका थी।
खालिद और मोनू की तैनाती की थी जानकारी के अनुसार, बुलंदशहर के एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने सोशल मीडिया सेल में खालिद और मोनू की तैनाती की थी। इनाम पाने वाले सिपाही खालिद ने कहा कि जब भी उनको किसी भड़काऊ पोस्ट की जानकारी मिलती थी तो वे रिपोर्ट आप्शन में जाते थे। इसके बाद वे फेसबुक और वाट्सएप से उसको डिलीट करने का अनुरोध करते थे। इस पर कंपनियां उसको डिलीट कर देती थी। इसके साथ ही आरोपी का एकाउंट भी ब्लॉक कर दिया जाता था। फिर संबंधित जिले को रिपोर्ट भेजकर आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट कराई जाती थी। वहीं, एसएसपी संतोष कुमार सिंह का कहना है कि आपत्तिजनक पोस्ट डालने वालों के ज्यादातर अकाउंट फर्जी मिले हैं। इनके आईपी एड्रेस की जानकारी निकलवाई जा रही है। इसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।