पुलिस पर लगा डकैती का आरोप दरअसल, आरोप है कि बुलंदशहर के खुर्जा पुलिस ने गत 8 सितंबर को क्षेत्र के एक घर में दिनदहाड़े घुसकर 84 हज़ार रूपये की नकदी और दो बाइक लूटी। इसके साथ ही घर के एक युवक को भी पकड़कर ले गई। इसके बाद पुलिस ने युवक को एक मौहल्ले के ही अन्य लड़के साथ एक प्रेसवार्ता कर लुटेरा बना दिया और इनको रात में चेकिंग के दौरान पकड़ने का दावा किया। पुलिस द्वारा कहा गया था कि दोनों के पास से हथियार के साथ ही मादक पदार्थ भी बरामद किया। पुलिस ने पकडे गए अभियुक्तों से डेढ़ किलो ड्रग, दो देसी तमंचे, सहित 20 हजार नक़दी की भी बरामदगी दिखाई थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया। वहीं पकड़े गए युवकों के परिजनों ने जब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो मामला कुछ और ही निकला और कोर्ट ने 12 पुलिसकर्मियों पर केज दर्ज करने के आदेश दे दिए।
जब कोर्ट पहुंचे परिजन तो हुआ बड़ा खुलासा पीड़ित परिवार ने कोर्ट में एक सीसीटीवी फुटेज पेश की। जो 8 सितंबर की थी। इसे आधार मान कर कोर्ट ने पुलिस पर डकैती का मुकदमा कायम करने के आदेश किये है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने पकड़े गए मुस्तकीम को उसके घर से दबोचा था। आरोप है कि पुलिसकर्मी घर से लगभग 84 हज़ार रुपये और दो बाईक भी ले गए। इसके बाद पुलिस ने आठ सितंबर की रात्रि को क्षेत्र में चेकिंग के दौरान मुस्तकीम और उसके एक अन्य साथी शाहवाज के साथ गिरफ्तार करना दिखाया। इस दौरान इनके पास से दो देशी पिस्टल, दो तमंचे, 1400 ग्राम ड्रग्स, बीस हज़ार रुपए नकद व एक बाईक बरामद होना दिखाया गया।
जिसके बाद परिजन कोर्ट चले गए और पांच दारोगा और सात पुलिसकर्मी को नामजद करते हुए याचिका दायर की। याचिका में शिवप्रकाश, जबर सिंह, धर्मेंद्र शर्मा और संदीप, विपिन कुमार दरोगा को नामजद किया। साथ ही सात अन्य पुलिसकर्मी को भी नामजद किया। बीस सितम्बर को ये याचिका डाली गई और 25 सितंबर को कोर्ट के आदेश पर तीन अक्टूबर को खुर्जा थाना में तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि मौहल्ले में लगे सीसीटीवी में साफ नजर आ रहा है कि कैसे पुलिसकर्मी घर में घुसे और फिर हमारी दो मोटरसाइकिल व बेटे को लेकर चले गए। जबकि पुलिस ने दावा किया था कि हमारे बेटे को रात में चेकिंग के दौरान लूट के केस में पकड़ा गया है।