जनपद के सभी थानों से अनुभवी सब-इंस्पेक्टर व अन्य पुलिसकर्मियों को घटना के खुलासे मे लगाया गया है और एसपी शामली, चौसाना पुलिस चौकी पर जमे रहे। एसपी शामली चौकी पर सर्विलांस टीम व एसओजी टीम के साथ मंथन किया। एसपी ने बताया कि अभी तक घटना मे कोई लीड नहीं मिली है। टीमें अपना काम कर रही है और तलाश जारी है।
चौसाना के गांव सकौती के जंगल में मंगलावार की देर रात्रि करीब ग्यारह बजे दो बाइक सवार 6 बदमाशों ने डयूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुये दो रायफलों को लूट लिया था। बदमाशों के हमले में एक होमगार्ड घायल हो गया था। जिसका मेरठ के आनंद अस्पताल में इलाज चल रहा है। रायफल लूटकांड की गूंज लखनऊ तक पहुंची तो जनपद पुलिस में हडकम्प मच गया।
डीआईजी व एसपी ने पांच पुलिस टीमों का गठन कर खुलासे की बात कही है लेकिन घटना के 72 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। एसपी के आदेश पर जनपद के सभी थानों के हिस्ट्रीशीटरों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और उनके आपराधिक इतिहास सहित वर्तमान भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है।
एसपी दिनेश कुमार सुबह ही पुलिस चौकी पहुंचे और एसओजी प्रभारी सतपाल सिंह व सर्विलांस के प्रभारी जोगेन्द्र सिंह के साथ घंटे मंत्रणा की और कार्यप्रगति की जानकारी ली। इसके साथ ही घटनास्थल के आसपास पीएसी का पहरा लगा दिया गया है। एसपी शामली दिनेश कुमार का कहना है कि घटना को वर्कआउट करने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक कोई लीड नहीं मिल सकी है जिसके जरीए बदमाशों तक पहुंचा जा सके। सभी टीमे लगी हैं और बदमाशों को चिन्हित किया जा रहा है।
5 दर्जन अपराधी रडार पर चौसाना के सकौती जंगल में पुलिस से हुई रायफल लूटकांड के खुलासे को पुलिस ने चौसाना चौकी के करीब 60 अपराधियों की लिस्ट तैयार कर रडार पर ले रखा है ताकि उनके मूवमेंट पर नजर रखी जा सके। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने चौसाना व घटनास्थल के आसपास के सौ से अधिक मोबाइल नम्बरों को जांच के दायरे में लिया है।
पुलिस नहीं करेगी गुरेज रायफल लूटकांड को खोलने के लिये पुलिस कोई भी रिस्क लेने से गुरेज नहीं कर रही। घटना को जल्द से जल्द वर्कआउट करने के लिये सर्विलांस व एसओजी टीम चौसाना में डेरा जमाये बैठी है। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2000 से लेकर वर्तमान तक के सभी 60 छोटे-बड़े अपराधी व सौ से अधिक मोबाईल नम्बरों की कुंडली को खंगाला जा रहा है ताकि कोई सुराग हाथ लगे और बदमाशों को गिरफ्तार किया जा सके। जेल में बैठकर अपराध करने वाले जुर्म के आकाओं पर भी पुलिस की पैनी नजर है। जो जेल में बैठकर लूट जैसी जघंय वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग करते हैं।