उल्लेखनीय है कि जिले में चार चीनी मिल हैं और इनके द्वारा किसानों का गन्ना खरीदा जाता है। इसके अलावा चार चीनी मिलें पड़ोसी जिलों की हैं। ये मिले भी जिले के किसानों से गन्ना लेती हैं। नए पेराई सत्र 2021-22 में भी जिले में गन्ने का रकबा 73 हजार हेक्टेयर से अधिक है। रकबा अधिक होने के कारण चीनी मिलों को पेराई के लिए बंपर गन्ना मिलेगा। गन्ने की फसल तैयार है तो अब चीनी मिलों में पेराई सत्र 20 अक्टूबर के बाद से शुरू हो रहा है। बताया गया कि दो चीनी मिलों में इसी तिथि को पेराई सत्र का आगाज होने की उम्मीद है। जिसके चलते अब गन्ना विभाग के अफसर लखनऊ में चीनी मिलों को क्रय केंद्र आवंटित करा रहे हैं। पिछले वर्ष चीनी मिलों में करीब 106 क्रय केंद्र आवंटित हुए थे तो इस बार क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
सातों तहसील में लगेंगे क्रय केंद्र साबितगढ़, अनामिका, सहकारी और वेव शुगर मिल के क्रय केंद्र सातों तहसीलों में लगेंगे। हापुड़ जिले की द सिंभावली शुगर मिल, बृजनाथपुर चीनी मिल, अमरोहा की चंदनपुर और संभल की रजपुरा चीनी मिल के क्रय केंद्र भी जिले में लगेंगे। बताया गया कि इसी सप्ताह में आठों चीनी मिलों को क्रय केंद्र एवं पेराई के लिए गन्ना आवंटित हो जाएगा।
लखनऊ से होगा गन्ना क्रय केंद्र एवं गन्ने का आवंटन जिला गन्ना अधिकारी डीके सैनी ने बताया कि चीनी मिलों को गन्ना क्रय केंद्र एवं गन्ने का आवंटन लखनऊ से होगा। विभाग द्वारा इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। चीनी मिलों में 20 अक्टूबर के बाद कभी भी पेराई सत्र शुरू हो जाएगा। चीनी मिलों में पेराई को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।