दरअसल अनूपशहर के रहने वाले शमसुद्दीन के एक महीने और नाजरीन के 7 दिन के बच्चे की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। बच्चों के शवों को अनूपशहर के आहार रोड स्तिथ कब्रिस्तान में दफनाया गया था। बता दें कि दोनों ही परिवारों के मुखिया अपने बच्चों की कब्र पर हर रोज सुबह फातिहा पढ़ने आते थे। लेकिन मंगलवार को जब शमसुद्दीन फ़ातिहा पढ़ने कब्रिस्तान आया तो बच्चे का शव कब्र में नहीं था। इस घटना के बात लोगों में हड़कंप मच गया है। वहीं बताया जा रहा है कि कब्र से गायब हुए दोनों बच्चो को 7 दिन और 15 दिन पहले ही दफनाया गया था। लोगों की माने तो कब्रिस्तान में कुछ और भी कब्रों को खोदा गया था। लेकिन ये कब्र ज्यादा पूरानी थी इस वजह से इन कब्रो से शवों को नहीं निकाला गया। वहीं घटना के बाद परेशान और हैरान लोग अब कब्रो की रखवाली करने में लगे है।
वहीं लोगों का कहना है कि कब्रों से शवों को चुराकर उनके साथ तांत्रिक क्रिया की जा रही है। साथ ही लोगों का मानना ये भी है कि लाशों की तस्करी कर उसे मेडिकल कॉलेज या मानव अंगों की तस्करी के लिए चोरी किया जा रहा है। खैर कब्र से शव चोरी होने के बाद लोगों को डर सताने लगा है कि कहीं कोई उनके अपने का भी शव कब्र से निकाल कर न ले जाए। इसलिए लोग सर्द रातों में कब्रिस्तान में पहरेदारी करने में जुटे है। वहीं सीओ मनीष कुमार की माने तो कब्र से शव चोरी करने के मामले में जो भी होगा वो जल्दी ही सामने आयेगा। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।