scriptUP Police: भीषण गर्मी में बेहोश पड़े बंदर के लिए वरदान बना पुलिसकर्मी, CPR देकर बचाई जान | Policeman saved monkey life by giving CPR | Patrika News
बुलंदशहर

UP Police: भीषण गर्मी में बेहोश पड़े बंदर के लिए वरदान बना पुलिसकर्मी, CPR देकर बचाई जान

सांस उखड़ रहा हो तो हार्ट को हाथ से दबाने और मुंह से सांस देने की प्रक्रिया को सीपीआर कहते हैं।

बुलंदशहरMay 30, 2024 / 05:12 pm

Shivmani Tyagi

UP POLICE

बंदर को सीपीआर देते हुए सिपाही विकास तोमर

”पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा” बुलदंशहर के एक पुलिसकर्मी ने मानवता की अनोखी मिशाल पेश करके इन पंक्तियों के सच होने की गवाही दी है। बुलंदशहर में पुलिस थाने के बाहर गर्मी में बेहोश पड़े एक बंदर की पुलिसकर्मी ने सीपीआर देकर जान बचा ली। पुलिसकर्मी के इस मानवता भरे कार्य की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। लोग यही लिख रहे हैं कि गर्मी में यह पुलिसकर्मी बंदर के लिए वारदान साबित हुआ।

थाने के सामने बेहोशी की हालत में पड़ा था बंदर

घटना बुलंदशहर की है। यहां थाना छतारी के बाहर एक बंदर भीषण गर्मी की वजह से बेहोश होकर गिर गया। यहां से गुजर रहे लोगों ने देखा तो उन्हे लगा कि बंदर की मौत हो गई है। इसी दौरान थाने के सामने से जा रहे सिपाही विकास तोमर ने जब बंदर को पड़ा हुआ देखा ते उनसे रहा नहीं गया और मानवता के नाते उन्होंने बंदर को पास जाकर हिलाकर देखा। बंदर नहीं हिला तो वो समझ गए कि इसकी जान खतरे में है। इसके बाद विकास ने बंदर को पहले काफी देर तकर हार्ट पंपिंग किया। जब बंदर को होश आई तो उसे पानी पिलाया और फिर ठंडे पानी से उसे नहलाया।

सीपीआर से बचाई बंदर की जान

सीपीआर के बाद जैसे ही बंदर की सांसे वापस आई और बंदर ने आंखें खोली तो ये नजारा देख रहे आस-पास को लोग भी तारीफ करने लगे और कहने लगे कि आपने बहुत अच्छा काम किया है। सोशल मीडिया पर अब लोग इस नेक काम को अलग-अलग तरह से नाम दे रहे हैं। कोई कह रहा है कि सिपाही ने मानवता की मिसाल पेश की है तो कोई कह रहा है कि यह बिल्कुल उस भजन की तरह है जिसमें कहा गया है कि ”पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा” दम तोड़ रहे इस बंदर के लिए यह पुलिसकर्मी नारायण से कम नहीं।

जानिए क्या होता है सीपीआर

सीपीआर का मतलब हार्ट को पंप करने के अलग-अलग तरीकों से है। इसमें मुंह से सांस देकर या फिर सीने को थप-थपाते हुए दबाकर या बार-बार पम्प करने वाली प्रक्रिया से है। इन अलग-अलग तरीकों से किए गए उपचार को सीपीआर कहते हैं। इस मामले में जब काफी देर तक सिपाही बंदर के सीने के पंप करते रहे और बंदर में कोई हरकत नहीं आई तो एक बार सिपाही को भी लगा बंदर की जान अब नहीं बचेगी लेकिन उन्होंने प्रयास नहीं छोड़ा। इसके बाद भी वो प्रयास करते रहे और इसी का नतीजा रहा कि बंदर की सांसे वापस लौट आई

Hindi News/ Bulandshahr / UP Police: भीषण गर्मी में बेहोश पड़े बंदर के लिए वरदान बना पुलिसकर्मी, CPR देकर बचाई जान

ट्रेंडिंग वीडियो