थाने के सामने बेहोशी की हालत में पड़ा था बंदर
घटना बुलंदशहर की है। यहां थाना छतारी के बाहर एक बंदर भीषण गर्मी की वजह से बेहोश होकर गिर गया। यहां से गुजर रहे लोगों ने देखा तो उन्हे लगा कि बंदर की मौत हो गई है। इसी दौरान थाने के सामने से जा रहे सिपाही विकास तोमर ने जब बंदर को पड़ा हुआ देखा ते उनसे रहा नहीं गया और मानवता के नाते उन्होंने बंदर को पास जाकर हिलाकर देखा। बंदर नहीं हिला तो वो समझ गए कि इसकी जान खतरे में है। इसके बाद विकास ने बंदर को पहले काफी देर तकर हार्ट पंपिंग किया। जब बंदर को होश आई तो उसे पानी पिलाया और फिर ठंडे पानी से उसे नहलाया।
सीपीआर से बचाई बंदर की जान
सीपीआर के बाद जैसे ही बंदर की सांसे वापस आई और बंदर ने आंखें खोली तो ये नजारा देख रहे आस-पास को लोग भी तारीफ करने लगे और कहने लगे कि आपने बहुत अच्छा काम किया है। सोशल मीडिया पर अब लोग इस नेक काम को अलग-अलग तरह से नाम दे रहे हैं। कोई कह रहा है कि सिपाही ने मानवता की मिसाल पेश की है तो कोई कह रहा है कि यह बिल्कुल उस भजन की तरह है जिसमें कहा गया है कि ”पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा” दम तोड़ रहे इस बंदर के लिए यह पुलिसकर्मी नारायण से कम नहीं।
जानिए क्या होता है सीपीआर
सीपीआर का मतलब हार्ट को पंप करने के अलग-अलग तरीकों से है। इसमें मुंह से सांस देकर या फिर सीने को थप-थपाते हुए दबाकर या बार-बार पम्प करने वाली प्रक्रिया से है। इन अलग-अलग तरीकों से किए गए उपचार को सीपीआर कहते हैं। इस मामले में जब काफी देर तक सिपाही बंदर के सीने के पंप करते रहे और बंदर में कोई हरकत नहीं आई तो एक बार सिपाही को भी लगा बंदर की जान अब नहीं बचेगी लेकिन उन्होंने प्रयास नहीं छोड़ा। इसके बाद भी वो प्रयास करते रहे और इसी का नतीजा रहा कि बंदर की सांसे वापस लौट आई