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हजारों हिस्ट्रीशीटरों के बीच जब सिंघम बनकर पहुंचे एसपी यमुना प्रसाद, सभी ने जुर्म से कर लिया तौबा बुलंदशहर पुलिस ने बताया कि धनौरा गांव के रहने वाले धर्मपाल और अमित के परिवार के बीच पिछले तीन दशक से रंजिश चल रही है। पुलिस के अनुसार, रविवार की सुबह धर्मपाल इनोवा कार से पशुओं का चारा लेकर खेत से घर लौट रहा था। इस दौरान उसके साथ सिपाही पुष्पेंद्र के अलावा पत्नी रविंद्री, बेटे संदीप और जितेंद्र भी थे। जैसे ही उनकी कार धनौरा मुख्य मार्ग से घर के रास्ते पर पहुंची तो पहले से घात लगाए बैठे कार और बाइक सवारों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी। अचानक फायरिंग से धर्मपाल की कार का एक पहिया नाली में जा धंसा। इस पर सिपाही पुष्पेंद्र ने भी आरोपियों पर जबावी फायरिंग की। वहीं धर्मपाल ने भी लाइसेंसी हथियार फायरिंग की। इसके बाद आरोपी फायरिंग करते हुए फरार हो गए। इस हमले में धर्मपाल की रीढ़ की हड्डी के अलावा पैर में, बेटे संदीप के सिर और सिपाही पुष्पेंद्र के पेट में गोली लगी है। उनके अलावा घटना स्थल पर खड़े युवक पवन के हाथ में गोली लगी है। दिनदहाड़े हुई ताबड़तोड़ फायरिंग से गांव में दहशत का माहौल है।
धर्मपाल और सिपाही पुष्पेंद्र की हालत नाजुक घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने सभी की हालत गंभीर बताते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया। बताया जा रहा है कि इलाज के दौरान धर्मपाल के बेटे संदीप ने दम तोड़ दिया है। जबकि धर्मपाल और सिपाही पुष्पेंद्र की हालत नाजुक बनी हुई है। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में चार नामजद समेत 11 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी जल्द ही पुलिस गिरफ्त में होंगे।
तीन दशक में 12 लोगों की हत्याएं बताया जा रहा है कि होली के दौरान 31 वर्ष पूर्व 1990 में धनौरा में कालीचरण पक्ष और इंद्र सिंह पक्ष के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। उस दौरान दोनों पक्षों के चार लोगों की हत्या हुई थी। उस होली के बाद से शुरू हुआ दोनों पक्षों के बीच रंजिश का सिलसिला अब भी जारी है। इन तीन दशकों के बीच हुए खूनी संघर्ष में अब तक 12 लोगों की हत्या हो चुकी है।