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#Astrology: मंत्रिमण्डल में फेरबदल जाने क्या होगा लाभ

सूर्य को राजा का ताज पहनाया जाएगा और शनि संभालेंगे मंत्री पद इस साल वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी चंद्र देव के पास रहेगी और रक्षा के रूप में शुक्र देव

बूंदीFeb 18, 2018 / 06:14 am

Suraksha Rajora

#Astrology:chages in Cabinet
बूंदी. विक्रम संवत 18 मार्च से नव संवत्सर 2075 शुरू हो जाएगा। इस को विरोधकृत नामक संवत्सर के नाम से जाना जाएगा। इसके शुरू होते ही नया आकाशीय मंत्रिमंडल भी अपना कार्यभार संभाल लेगा। इसमें सूर्य देवता को राजा का ताज पहनाया जाएगा और शनि देव मंत्री का पद ग्रहण करेंगे। इस साल वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी चंद्र देव के पास रहेगी और रक्षा के रूप में शुक्र देव मंत्रिमंडल में अपना प्रभाव दिखाएंगे। वहीं पेट्रोलियम मंत्री बुद्ध ग्रह रहेगें। जल एवं कृषि का भार देवगुरु वृहस्पति के पास होगा। इस साल के मंत्रिमंडल में 6 ग्रहों को अपना स्थान मिला है। मंगल राहु और केतु सत्ता से बाहर रहेगें।
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ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया सभी शुभ संस्कारों विवाह मुंडना दि मंत्र .जपादि अनुष्ठानों में, संकल्पादि के समय संवत का नाम का प्रयोग प्रमुखता से किया जाता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवीन संवत का प्रारंभ होता है। सतयुग का आरंभ भी इसी दिन हुआ माना जाता है तथा ब्रहा जी ने सृष्टि का आरंभ भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को किया था।
नए वर्ष में मेघेष शुक्र और धनेश होंगे चंद्र

पंडितोंं के अनुसार इसी दिन विक्रम नवसंवत्सर 2075 का शुभारंभ होगा। इस बार नववर्ष का नाम विरोधकृत रहेगा। जिस दिन नूतन वर्ष का शुभारंभ होता है, उस दिन के स्वामी ग्रह को उस वर्ष का राजा माना जाता है। इसलिए इस वर्ष का स्वामी रविवार होने से सूर्य राजा, मंत्री शनि रहेंगे। इसे आकाशीय मंत्रीमंडल की संज्ञा दी जाती है। मेघेष शुक्र व धनेश चंद्र होंगे। इस कारण फसल अच्छी रहेगी।

सत्ता के ये रहेगे सितारे-
ग्रहों के मंत्रिमंडल के गठन से समाज की स्थिति, कृषि की फसलें इसी ग्रह योग ? के आधार पर बनेंगी। इस नए मंत्रीमंडल में राजा और मंत्री में बैर होने के कारण राजनीति में आपसी मतभेद बढऩे से सरकार के प्रति जनता में विरोध का भाव रहेगा। चंद्र देव वित्त मंत्री होने के कारण धर्म का प्रचार और प्रसार होगा। धर्म से जुड़े लोगों को धन, पद और शोहरत मिलेगी। शुक्र देव रक्षा की स्थिति उचित रहेगी, पर महंगाई में बढ़ौतरी होगी। बारिश और फसल भी अच्छी होगी। हालांकि दुखद घटनाएं देखने को मिलेंगी।
ये रहेगा असर-
रविवार को नववर्ष का शुभारंभ होने पर इस दिन के स्वामी सूर्य वर्ष के राजा और शनि मंत्री होंगे। दोनों ग्रह परस्पर विरोधी हैं। बावजूद इसके सूर्य के प्रभाव से दुनिया में भारत का वर्चस्व बढ़ेगा और शनि के मंत्री रहते न्याय व्यवस्था सुदृढ़ होगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन बढ़ेंगे। ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया की दक्षिणी देशों व प्रान्तों में महामारी का भय तथा अग्नि आदि उपद्रवों से लोग दुखी होंगे। पश्चिम दिशा में विग्रह के योग बन रहे है। देश की राजनीति में परिवर्तन अवश्य होंगे। लाभ भाव पर मंगल की दृष्टि होने से योजनाओं से गरीबों को विशेष लाभ होगा।
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