अठारह साल बाद ज्येष्ठ अधिक मास से बिगड़ेगा त्योहारों का गणित
ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया सभी शुभ संस्कारों विवाह मुंडना दि मंत्र .जपादि अनुष्ठानों में, संकल्पादि के समय संवत का नाम का प्रयोग प्रमुखता से किया जाता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवीन संवत का प्रारंभ होता है। सतयुग का आरंभ भी इसी दिन हुआ माना जाता है तथा ब्रहा जी ने सृष्टि का आरंभ भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को किया था।सत्ता के ये रहेगे सितारे-
रविवार को नववर्ष का शुभारंभ होने पर इस दिन के स्वामी सूर्य वर्ष के राजा और शनि मंत्री होंगे। दोनों ग्रह परस्पर विरोधी हैं। बावजूद इसके सूर्य के प्रभाव से दुनिया में भारत का वर्चस्व बढ़ेगा और शनि के मंत्री रहते न्याय व्यवस्था सुदृढ़ होगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन बढ़ेंगे। ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया की दक्षिणी देशों व प्रान्तों में महामारी का भय तथा अग्नि आदि उपद्रवों से लोग दुखी होंगे। पश्चिम दिशा में विग्रह के योग बन रहे है। देश की राजनीति में परिवर्तन अवश्य होंगे। लाभ भाव पर मंगल की दृष्टि होने से योजनाओं से गरीबों को विशेष लाभ होगा।