स्मार्ट मीटर लगने के बाद विद्युत निगम का कर्मचारी रिडिंग लेने नहीं आएगा। मीटर नेट से विद्युत निगम के सर्वर से जुड़ा होने से बैठे-बैठे ही रिडिंग निकाल लेंगे। यही सुविधा उपभोक्ता को भी मिलेगी। वह भी अपने मोबाइल में बिजली मित्र एप अपलोड कर प्रतिदिन, प्रति घंटे, प्रति माह के विद्युत बिल व खपत को देख सकेंगे। बिल भी कार्यालय में बैठकर ही आनलाइन व आफलाइन जारी कर दिए जायेंगे, वही रिडिंग को लेकर होने वाली भूल नहीं होगी। रिडिंग के दौरान लापरवाही करने वाले कर्मचारियों की गलती से भी उपभोक्ताओं को निजात मिलेगी।
विद्युत निगम को यह होंगे फायदे
संपूर्ण कस्बे में विद्युत मीटर लगने के बाद मीटर संबंधी शिकायत आना बंद हो जाएगी। उपभोक्ता प्रतिदिन होने वाली विद्युत खर्च को अपने मोबाइल पर देखने से विद्युत खर्च में भी कमी कर सकेगा। वसूली फास्ट होगी। मीटर प्रारंभ में पोस्टपेड लगाये जा रहे हैं, उपभोक्ता चाहे तो इन्हें प्रीपेड भी करवा सकेंगे। प्रीपेड रिचार्ज पर प्रतियूनिट या बिल की राशि में कुछ प्रतिशत छूट भी दी जाएगी। बिल समय पर नहीं चुकाने वाले उपभोक्ताओं का कनेक्शन कार्यालय से बैठकर ही बंद कर दिया जाएगा।
बिजली चोरी करने वालों पर रहेगी निगाह
निगम स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी पर भी अंकुश लगा सकेगा। किस समय आंकड़े डालकर चोरी की, इसका भी पता चलेग। मीटर में प्रतिघंटे खपत दर्शानें की आनलाइन व्यवस्था होनेे से जब उपभोक्ता निगम या नगरपालिका की लाइन पर आंकड़े डालेगा तो उस समय मीटर जीरों खपत बताएगा। इसी से विद्युतकर्मी कार्यालय में बैठे-बैठे चोरी करने वालों की जानकारी लेंगे। वीसीआर भरेंगे।
केशवरायपाटन में सफलता के बाद उच्च अधिकारियों ने पालिका क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णय किया। जिससे उपभोक्ताओं को सहूलियत रहेगी। बहुत शिकायतें भी अपने आप ही दूर हो जाएगी। मीटर से छेड़छाड़ करते ही साफ्टवेयर के रिकॉर्ड में दर्ज होगी।
अजय सोनी, सहायक अभियंता, विद्युत निगम