चिकित्सालय के सूत्रों ने बताया कि नि:शुल्क मिलने वाली बीस प्रकार की दवाओं का अभाव बना हुआ है। जिनमें दस प्रकार के इंजेक्शन, चार प्रकार की टेबलेट, दो प्रकार के केप्सुल व लोशन का टोटा बना हुआ है। चिकित्सालय प्रभारी ने 11 अगस्त को ही जिला औषधि भण्डारण को दवाएं उपलब्ध कराने के लिए मांग पत्र दे रखा है।
इसके बावजूद दवाओं का टोटा दूर नहीं हुआ। इस पर चिकित्सालय प्रशासन ने अपने स्तर पर ही दवाओं की खरीद के लिए जिला औषधि भण्डारण प्रभारी से एनओसी भी मांगी, लेकिन भण्डारण द्वारा एनओसी भी जारी नहीं की जा रही है। इससे नि:श्ुाल्क मिलने वाली दवाओं को मरीजों को दुकानों से खरीदना पड़ रहा है।
इन दवाओं का अभाव
मौसम परिवर्तन के साथ ही बुखार, डायरिया, उल्टी-दस्त जैसी बीमारियों के रोगी बढ़ते जा रहे। ऐसी स्थिति में भी आरएल, जीएनएस, जीवन रक्षक इंजेक्शन एडरनालाइन, एन्टी बॉयटिक इंजेक्शन अम्बिका सीन, जेन्टा माइसिन, उल्टी, दस्त के उपचार में काम आने वाले इंजेक्शनों के अलावा, दर्द नाशक, बीपी, शुगर की टेबलेट का अभाव बना हुआ है।
विशेषज्ञ चिकित्सक तो लगाए, ज्वाइन करने ही नहीं आए
नैनवां. सामुदायिक चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सक लगाने के बाद भी रोगियों का इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय ने यहां तीन विशेषज्ञ चिकित्सक लगाए थे।
एक चिकित्सक ज्वाइन करते ही लम्बे अवकाश पर चले गए तो दो विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ज्वाइनिंग नहीं दी। चिकित्सालय में सर्जन और एनेस्थिया सहित महिला रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ व फिजीशियन के स्वीकृत पद लम्बे समय से खाली पड़े थे। विभाग द्वारा हाल ही तीन विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की थी।
जिनमें स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कृष्णा गुर्जर ने तीस जुलाई को चिकित्सालय में ज्वाइनिंग दी थी। फिर उसी दिन से लम्बे अवकाश पर चली गई। 14 अगस्त को शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद कुमार और निश्ेचतक डॉ. मुकेश कुमार नागर की भी नियुक्ति की, लेकिन यह दोनों चिकित्सक ज्वाइन करने ही नहीं आए।
सामुदायिक चिकित्सालय के प्रभारी डॉ. समदरलाल मीना ने बताया कि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कृष्णा गुर्जर ने तीस जुलाई को ज्वाइनिंग दी थी। ज्वाइनिंग देने के साथ ही प्रसूति अवकाश पर चली गई। डॉ. विनेाद कुमार व डॉ. मुकेश कुमार नागर ज्वाइन करने ही नहीं आए।
दवाएं उपलब्ध कराने के लिए जिला औषधि भण्डारण प्रभारी को लिखा जा चुका है। वहीं अपने स्तर पर ही दवाओं की खरीद के लिए भण्डारण प्रभारी से एनओसी भी मांग रखी है। एनओसी मिल जाए तो कमी वाली दवाओं की अपने स्तर पर खरीद कर सकेंगे।
डॉ. समदरलाल मीना, प्रभारी, सामुदायिक चिकित्सालय नैनवां