पीडि़त पिता ने 3 फरवरी 20 को थाने में उपस्थित होकर रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें बताया था कि 2 फरवरी की शाम 8 बजे बेटी ने बताया कि बनवारी मीणा व उसका साथी उसे जबरन बाड़े में उठा ले गए। जहां बनवारी ने बलात्कार किया। बलात्कार करने के दौरान उसका साथी दूर चला गया था। चिल्लाने पर मुंह बंद कर दिया। पीडि़ता मुश्किल से छूटी और घर पहुंची। आरोपियों ने घर तक पीछा किया। आरोपी के साथी ने सरिए से पीडि़ता के पिता पर भी हमला किया। तब पुलिस ने अलग-अलग धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।
जांच में जुर्म प्रमाणित होने पर साक्ष्यों के साथ बूंदी पुलिस अधीक्षक की ओर से 5 मार्च 20 को कोर्ट में चालान पेश किया। पुलिस ने उक्त प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम में लिया। मामले की जांच डिप्टी स्तर के अधिकारी को सौंपी गई। जिन्होंने प्रयास कर कोर्ट में गवाहों के बयान कराए।
गवाहों के पक्षद्रोही होने के बावजूद पुलिस ने ठोस अनुसंधान रिपोर्ट, वैज्ञानिक तकनीक से जुटाए साक्ष्य, एफएसएल नतीजों को कोर्ट में पेश किया। इन तमाम आधारों और सबूतों के बाद सुनवाई पूरी होने पर गुरुवार को अपने फैसले में कोर्ट ने बनवारी को आरोपी मानते हुए 20 वर्ष की सजा सुनाई। साथ ही अलग-अलग धाराओं में 70 हजार रुपये का अर्थदंड किया।
जांच में जुर्म प्रमाणित होने पर साक्ष्यों के साथ बूंदी पुलिस अधीक्षक की ओर से 5 मार्च 20 को कोर्ट में चालान पेश किया। पुलिस ने उक्त प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम में लिया। मामले की जांच डिप्टी स्तर के अधिकारी को सौंपी गई। जिन्होंने प्रयास कर कोर्ट में गवाहों के बयान कराए।
गवाहों के पक्षद्रोही होने के बावजूद पुलिस ने ठोस अनुसंधान रिपोर्ट, वैज्ञानिक तकनीक से जुटाए साक्ष्य, एफएसएल नतीजों को कोर्ट में पेश किया। इन तमाम आधारों और सबूतों के बाद सुनवाई पूरी होने पर गुरुवार को अपने फैसले में कोर्ट ने बनवारी को आरोपी मानते हुए 20 वर्ष की सजा सुनाई। साथ ही अलग-अलग धाराओं में 70 हजार रुपये का अर्थदंड किया।