क्या कहते हैं वोटर
अधीर रंजन चौधरी के गढ़ के मिजाज को जानने की उत्सुकता लिए मैं आसनसोल से वाया कोलकाता बहरमपुर पहुंचा। रेलवे स्टेशन पर उतर कर बहरमपुर शहर की ओर से रुख किया तो कांग्रेस प्रत्याशी अधीर रंजन चौधरी का पोस्टर लगा दिखा। पास में ही टीएमसी का झंडा लगा है। स्टेशन के बाहर थड़ी पर 70 वर्षीय बासुराय से चुनाव का माहौल पूछा तो बोले, यहां हर चुनाव में माहौल तो कांग्रेस का ही रहता है। हम भी कांग्रेस के साथ है, लेकिन इस बार क्रिकेट खिलाड़ी युसूफ पठान को उतार देने से कांग्रेस के मूल वोट बंटेंगे। फायदा भाजपा को मिल सकता है। गणेश रॉय बोले, बाकि सब बातें बेकार है, इतना जान लीजिए, कि बहरमपुर में इस बार पठान की जीत होगी। स्टेशन पार्किंग एरिया से शहर के बस स्टेण्ड रोड चौराहे की तरफ गौतम बुद्ध की प्रतिमा लगी है। चौराहे पर एक दुकान पर बिश्वजीत बोस से चर्चा हुई। बोस ने कहा कि हमने बचपन से कांग्रेस व सीपीएम को ही देखा और पढ़ा। कुछ साल से तीसरे दल टीएमसी के आने से माहौल खराब हुआ है। चौधरी की वजह से बहरमपुर-मुर्शिदाबाद सुरक्षित हैं। छोटे से छोटे मामलों में चौधरी ही मुर्शिदाबाद की जनता के साथ खड़े रहे हैं। राष्ट्र की मजबूती के लिए केन्द्र में सरकार तो मोदीजी की ही होनी चाहिए। लेकिन लोकल क्षेत्र के हितों की रक्षा के लिए हम चौधरी को ही पसंद करते हैं। बस स्टैण्ड पर एक फल विक्रेता सीने पर हाथ रखते हुए बोले, इस बार किसे चुनना है, यह मन में ठान रखा है। मधुपुर बाजार में अमित कुमार विश्वास, कॉसिम बाजार स्थित हनुमान मंदिर में सुजीत कुमार शर्मा ने बरहमपुर में इस बार खेला होने संभावना जताई। बहरमपुर सीट पर पिछले पांच लोकसभा चुनाव कांग्रेेस के अधीर रंजन चौधरी जीतते रहे हैं। मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता का फायदा कांग्रेस को मिलता रहा है। इस बार टीएमसी कांग्रेस के मुस्लिम वोट बैंक को तोडऩे में लगी है। गत विधानसभा चुनाव में भी टीएमसी ने चार विधानसभा सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतार कर कांग्रेस को पछाड़ा था। इस लोकसभा के चुनाव टीएमसी ने टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर युसूफ पठान को चुनाव में उतारा है। युसूफ चुनाव से ठीक पहले टीएमसी में शामिल हुए। अधीर रंजन के लिए टीएमसी उनके क्षेत्र में चुनौती बन गई है। हालांकि इस बार कांग्रेस का सीपीआइ (एम) के साथ गंठबंधन है। वामदल के जरिए कांग्रेस प्रत्याशी की झोली में कितने वोट आएंगे, इस पर अभी संशय ही है। टीएमसी व कांग्रेस के बीच घमासान को देखते हुए भाजपा की कोर टीम पनडुब्बी की तरह काम कर रही है। भाजपा ने यहां डॉ. निर्मल कुमार साहा को उतारा है। भाजपा को उम्मीद है कि टीएमसी प्रत्याशी युसूफ पठान कांग्रेस के कोर वोट को तोड़ेंगे, जिससे उनकी बाजी आसान हो सकती है।
भाजपा से समझौते के आरोप
भाजपा से समझौते के आरोप लोकसभा चुनाव को लेकर टीएमसी व कांग्रेस दोनों ही दल एक दूसरे पर भाजपा से समझौता करने और भाजपा की बी टीम के रूप में कार्य करने के आरोप लगा रहे हैं। भाजपा इस तरह के आरोपों को सिरे से खारिज करती है। भाजपा का कहना है कि किसी से कोई पैक्ट नहीं है। ज्ञात है कि यहां टीएमसी ने इंडिया गंठबंधन से नाता तोड़ दिया है और अकेले चुनाव लड़ रही है। चुनावी कैम्पेन में ममता बनर्जी कांग्रेस को भाजपा की बी. टीम बताते हुए निशाने साध चुकी है। वहीं अधीर रंजन भी पूरा जोर लगा रहे हैं। हाल ही चुनावी सभा में चौधरी यह भी कह चुके हैं कि यदि यह चुनाव हार गया तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
मुद्दों से भटक रही पार्टियां
भाजपा राम मंदिर निर्माण, जम्मू व धारा-370 को हटाने, संदेशखाली प्रकरण, प. शिक्षक भर्ती घोटाला एवं देश में सीएए लागू करने जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठा रही है। टीएमसी सीएए व एनआरसी का विरोध कर रही है। कांग्रेस मुस्लिम वर्ग के वोट बैंक पर पकड़ बनाए रखने की कोशिश कर रही है एवं टीएमसी इसको छीनने की कोशिश कर रही है।