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ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया 18 की सुबह 7.10 को शनि धनु राशि में ही वक्री हो जाएंगे। इसके चलते विशेष रूप से वृषभ, मिथुन और कर्क राशि के जातकों को 6 सितंबर तक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। खासतौर पर तबीयत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। शनि की वक्री होना और सूर्य का गोचर में उच्च होना इसलिए भी ज्यादा प्रभावशाली होगा क्योंकि नए संवत्सर यानी नए हिंदू साल के राजा सूर्य हैं और शनि मंत्री पद की जिम्मेदारी में हैं। शनि के वक्री होने से लोगों की निर्णय लेने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। पारिवारिक जीवन भी प्रभावित हो सकता है। इधर, शनि की दशा बदलने से धनु, मकर, कुंभ और कन्या राशि के जातकों के लिए लाभ के आसार भी नजर आ रहे हैं।
बड़ी प्राकृतिक आपदाएं हो सकती है ग्रह-गोचर के परिवर्तन को ज्योतिष देश-प्रदेश की सुरक्षा से जोड़कर भी देख रहे हैं। इस संबंध में ज्योतिषियों का तर्क है कि देश-प्रदेश में सुरक्षा संबंधी बड़ी चूक हो सकती है। 142 दिन की अवधि में सतर्कता बेहद जरूरी है। इसके अलावा विश्व के कई स्थानों पर बड़ी प्राकृतिक आपदाएं भी सामने आ सकती हैं।
दुर्घटनाओं में वृद्धि शनि के वक्री होने से जिन राशियों के लिए शनि शुभ हैं उनकी शुभता में वृद्धि होगी। जिनके लिए अशुभ हैं, उन्हें इस अवधि में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। गुरु और शनि की वक्र गति होने, शनि, मंगल का शुक्र के साथ षड़ाष्टक और शुक्र का गुरु के साथ षड़ाष्टक योग होने से अपराध और दुर्घटनाओं में वृद्धि होगी।
राशियों पर प्रभाव मेष न्याय क्षेत्र से लाभ। वृष आकस्मिक कष्ट। मिथुन व्यापार में वृद्धि। कर्क शत्रु पर जय की प्राप्ति। सिंह संतान पक्ष से चिंता। कन्या गृह क्लेश।
तुला मंगलमय परिवर्तन। वृश्चिक स्थान परिवर्तन। धनु चोट का भय। मकर अपव्यय। कुंभ आकस्मिक लाभ। मीन उच्च पद की प्राप्ति। ये करें उपाय ज्योतिषाचार्य अमित जैन के अनुसार जिन जातकों के लिए शनि कष्टकारी हैं उन्हें दशरथ-कृत शनि स्रोत का नित्य तीन बार पाठ, हनुमान जी का तेल से का रुद्राभिषेक करना लाभप्रद रहेगा।