क्या है सोलर प्लांट
यह एक तरह का उपकरण होता है। जो सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है। जिसका उपयोग विद्युत यंत्रों को चलाने के लिए किया जाता है। विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने का इसे अतिरिक्त माध्यम भी माना जाता है। इसको छतों पर लगाया जाता है। जिससे सूर्य की किरणें इस पर पड़ती है, ओर ये विद्युत आपूर्ति प्रदान करता है।
बिजली खपत में आएगी कमी
अस्पताल परिसर में सोलर प्लांट लगने के बाद बिजली बिलों में लगभग 50 प्रतिशत तक की कमी आने की संभावना है। वर्तमान में अस्पताल में 7 से 8 लाख रुपए का (दो माह) विद्युत बिल जमा कराया जाता है। उधर सौर ऊर्जा मिलने से बिजली बंद होने पर जनरेटरों को भी कम चलाना पड़ेगा। इससे डीजल खर्च की बचत होगी।
इन जिलों में लगेंगे प्लांट
प्रदेश के अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, चित्तौडगढ़़, दौसा, धौलपुर, गंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झुंझुंनंू, करौली, कोटा, नागौर, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक व उदयपुर में सोलर पॉवर प्लांट लगाए जाएंगे।
बिजली के बिलों में आएगी कमी
& बिजली की बढ़ती खपत को देखते हुए जिला अस्पताल में सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा। सरकार ने जिस कंपनी को अधिकृत किया है, उनके प्रतिनिधियों ने जगह चिह्नित कर ली है। शीघ्र ही इसको लगाया जाएगा। इसके लगने से बिजली के बिलों में कमी आएगी।
डॉ.ओ.पी. वर्मा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, बूंदी