किसान क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं। इसके बावजूद सीएडी विभाग व जिला प्रशासन किसानों की मांग अनुसार नहरी पानी उपलब्ध कराने का प्रयास नहीं कर रहा है। प्रशासन की ओर से
ध्यान नहीं देने से आहत श्रवणलाल, रामकरण, मांगीलाल, फूं दीलाल, छोटूलाल, मोहनलाल आदि ने शुक्रवार को सामूहिक मुंडन करवाकर रोष जताया। वहीं विरोध प्रदर्शन भी किया गया। डोई ने बताया कि किसानों की समस्या का समाधान नहीं होने से आंदोलन को दिन प्रतिदिन तेज किया जाएगा।
यहां रोग की चपेट में फसल
बड़ानयागांव. बड़ानयागांव क्षेत्र में मसूर की फ सल में इन दिनों कीटों का प्रकोप होने से फ सल खराब होने लगी है। इससे किसानों को मसूर की फ सल नष्ट होने की चिंता सताने लगी है। किसानों ने बताया कि इस बार बरसात कम होने से मसूर की बुवाई ज्यादा की थी, ताकि कम पानी में ही फ सल हो सके।
इस समय खेतों में मसूर की फ सल में फूल व फ लाव आना शुरू हो गया है, लेकिन काले रंग के कीटों का प्रभाव होने से मसूर में फ लाव खराब हो रहा है। जिससे पैदावार कम होगी।
किसानों को काफ ी नुकसान उठाना पड़ेगा। कीटों को नष्ट करने के लिए किसान बाजार से महंगे दामों में लाकर कीटनाशक दवाओं का छिडक़ाव भी कर कर रहे हैं, लेकिन कीटों का प्रकोप खत्म नहीं हो रहा है। बड़ानयागांव, खातीखेड़ा, जडक़ा नया गांव, रामी की झोपडिय़ां, कल्याणपुरा, नारायणपुर, चतरगंज, बरवास, अकलोर, कराडख़ेड़ी, धनपुरा, रघुनाथपुरा, टहल, डेरोली सहित अन्य गांवों में कीटों का प्रकोप दिखाई दे रहा है। धनिए की फ सल में लोंग्या रोग लगने से किसान चिंतित हैं। मंगलवार को कृषि अधिकारियों ने खेतों में पहुंचकर रोगग्रस्त फ सल का मुआयना कर रोग की रोकथाम के लिए उपचार बताया।
देईखेड़ा निवासी कमलेश मीना ने बताया कि धनिए की फ सल में डोडे आने लगे हैं। अब लोंग्या रोग लगने से फ सल प्रभावित हो रही है। मंगलवार को उद्यान विभाग के पर्यवेक्षक महेंद्र पाल व कृषि पर्यवेक्षक बाबूलाल मीना ने किसानों के साथ खेतों में जाकर रोगग्रस्त फसल का मुआयना किया और उचित उपचार बताया।