एक तरफ वन, राजस्व, नगर सेना, पुलिस के कुल ३०० से अधिक अफसरकर्मी थे तो दूसरी ओर १०० लोग। अफसर सभी संसाधनों से लेस थे। उनके पास अश्रु गैस के गोले, बंदूक, बॉडीगार्ड, डंडे सहित अन्य सभी आवश्यक सामग्री थी, लेकिन इसके बाद भी उन्हे खदेड़ दिया। गोफन से पत्थर शुरू होते ही सभी ऐसा भागने लगे जैसे बम फेंके जा रहे हों। एसडीओपी, एसडीएम, एसडीओ, तहसीलदार सहित अन्य सभी अधिकारी कर्मचारियों को रोकते रहे। लेकिन कोई नहीं रुका। इस बीच कर्मचारियों को रोकने में एसडीओ शुक्ला गिर पड़े। वे बुरी तरह जख्मी हो गए। इस दौरान करीब तीन जेसीबी भी बाहर निकाल ली, शेष ६ जेसीबी अंदर ही फंस गई। जहां उनके काच फोड़े गए। चालकों के साथ मारपीट की।
ऐसे गर्माया पूरा मामला
सुबह करीब १० बजे वन अमला अतिक्रमित क्षेत्र बदनापुर बीट में पहुचा। लंबे समय बाद प्रशासन ने यहां बड़ी कार्रवाई करनी तय की थी। करीब ९ जेसीबी से १५० हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में खंती (गड्डे) खोदे जाना थे। दो घंटे तक कार्रवाई ठीक चली। ६० हेक्टेयर की वन भूमि पर खंती कराई गई। कुछ देर बाद अचानक लोगों ने पथराव करते हुए अधिकारियों की ओर आने लगे। उन्होंने गोफन से पत्थर मारने शुरू कर दिए। इनका सामना करने के बजाए कर्मचारी वापस भागने लगे। एक के बाद एक सभी मौके से भाग खड़े हुए। करीब तीन किमी दूर जंलग में कार्रवाई चल रहीे थी। अधिकारियों की समझाइश के बाद भी कर्मचारी नहीं रुके। अंत में अधिकारियों को भी जान बचाकर भागना पड़ा।
& वन विभाग से मिले शिकायत पत्र के आधार पर आईपीसी की धारा ३५३, १४७, १४८, १४९, ३३२, ४२७ के तहत नामजद प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
– एसडीओपी, सखाराम सेंगर
&पहले दिन की कार्रवाई पूरी हुई। विरोध के चलते २४५ में ही खंती किया गया। २४६ में दोबारा कार्रवाई होगी। हमने फायर ही नहीं किया गया तो वे घायल कैसे हुए। हमने हवाई फायर किए थे।
विशा माधवानी, एसडीएम