4 बच्चों की मां ने 45 साल की उम्र में पास की दसवीं की परीक्षा, अब 12वीं की तैयारी
वक्त गुजरा लेकिन कम नहीं हुआ जज्बा, सच कर दिखाई पढ़ने-लिखने और सीखने की कोई उम्र न होने वाली लाइनें..

बुरहानपुर. अगर मन में कुछ करने का जज्बा और जुनून हो तो कामयाबी जरुर मिलती है ये बात एक बार फिर सच साबित हुई है। इस बार इन लाइनों को सच कर दिखाया है बुरहानपुर के डाकवाड़ी में रहने वालीं 45 साल की महिला सुनीता जामोदकर ने। सुनीता ने हाल ही में प्राइवेट परीक्षा देकर दसवीं की परीक्षा पास की है।

सुनीता के जज्जे को सलाम
सुनीता जामोदकर की शादी साल 1993 में संजय जामोदकर के साथ हुई थी। संजय एक ऑटो पार्ट्स कंपनी में सेल्समैन हैं और पेपर हॉकर का काम भी करते हैं। सुनीता के चार बच्चे हैं जिनमें से दो बेटियों की शादी हो चुकी है और एक बेटा व बेटी अभी पढ़ाई कर रहे हैं। शादी के बाद घर गृहस्थी के काम और फिर बच्चों की जिम्मेदारी ने सुनीता को पढ़ाई से दूर कर दिया था लेकिन उन्होंने पढ़ाई के प्रति अपने जुनून को कभी कम नहीं होने दिया। उसी जुनून का परिणाम है कि आज उन्होंने 45 साल की उम्र में 10वीं की परीक्षा पास की है और अब 12वीं कक्षा की तैयारी में जुट गई हैं। सुनीता बताती हैं कि जब उनकी शादी हुई थी तब वो आठवीं तक ही पढ़ीं थीं और आगे पढ़ना चाहती थीं।
बच्चों को दी अच्छी शिक्षा
शिक्षा के महत्व को सुनीता बहुत से अच्छे से जानती थीं यही वजह थी कि खुद अच्छे से पढ़ाई न कर पाने के बावजूद उन्होंने अपने चारों बच्चों को अच्छी शिक्षा दी। सुनीता की सबसे बड़ी तेजस्वी व उससे छोटी नम्रता ग्रेजुएट हैं और उनकी शादी हो चुकी है। तीसरे नंबर का बेटा ऋषिकेश सागर से एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रहा है और छोटी बेटी ऋतिका भी बीबीए कर रही है।
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