मोदी सरकार ने एक बार फिर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की घोषणा कर दी है। इसके तहत आप कोरोना संकट के बीच भी सोना खरीद सकेंगे, ये मौका आपको ये मौका 17 मई से मिलेगा।
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एयरटेल पेमेंट्स बैंक ने लॉन्च किया ‘DigiGold’ प्लेटफॉर्म, घर बैठे आसानी से करें गोल्ड में निवेश ऐसे सोने में कर सकते हैं निवेशवित्त मंत्रालय ने हाल में एक बयान के जरिए ये बताया कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड मई से लेकर सितंबर के बीच छह किस्तों में जारी किए जाएंगे।
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली किस्त के तहत 17 से 21 मई के बीच खरीदी की जा सकेगी। इसके बाद 25 मई को बांड जारी किए जाएंगे। ऐसे करें खरीदारी
वित्त मंत्रालय के मुताबिक बांड स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के जरिए बेचे जाएंगे।
आपको बता दें कि लघु वित्त बैंक और भुगतान बैंकों को बॉन्ड बेचने की अनुमति नहीं होगी। भारत सरकार की ओर से ये बॉन्ड रिजर्व बैंक जारी करेगा। ऑनलाइन खरीदारी पर मिलेगी इतनी छूट
सोने के बॉन्ड का दाम इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड की ओर से जारी दाम के सामान्य औसत भाव पर होगा।
यह दाम निवेश की अवधि से पहले के सप्ताह के अंतिम तीन कारोबारी दिवस के दौरान 999 शुद्धता वाले सोने का औसत भाव होगा। बॉन्ड खरीदने के लिए ऑनलाइन या डिजिटल माध्यम से भुगतान करने वालों को बॉन्ड के दाम में 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट मिलेगी। यानी एक तोले पर 500 रुपए का फायदा होगा।
यह भी पढ़ेंः Akshaya Tritiya 2021 : बीते एक साल में करीब 900 रुपए महंगा हुआ सोना, जानिए कितनी हुई कीमत 1 ग्राम से 4 किलो तक सोना खरीदी की सीमा आपको बता दें कि गोल्ड बॉड में निवेश एक ग्राम के मूल यूनिट के अनुरूप किया जा सकेगा। यानी कम से कम एक ग्राम सोने के लिए निवेश करना होगा। वहीं कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार अधिकतम चार किलोग्राम सोना खरीद सकता है। वहीं संस्था या ट्रस्ट 20 किलोग्राम तक सोना खरीद सकती हैं।
क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड?
सरकार ने फिजिकल गोल्ड की मांग में कमी लाने के लिए नवंबर, 2015 में यह स्कीम शुरू की थी। सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेशक को फिजिकल रूप में सोना नहीं मिलता।
इसमें आपको सोना खरीदने पर एक होल्डिंग सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। यह फिजिकल गोल्ड से ज्यादा सुरक्षित होता है। सबसे अच्छी बात है कि इलेक्ट्रॉनिक रूप में होने की वजह से इसकी शुद्धता पर सवाल नहीं उठा सकते। गोल्ड बॉन्ड RBI की ओर से जारी किए जाते हैं।